Bilaspur: रिक्शा चालक, सफाई कर्मी और मजदूरों के नाम पर 100 एकड़ जमीन, 500 करोड़ का घोटाला आया सामने
Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की पहचान जमीनों के घोटाले को लेकर भी बनती जा रही है. रायपुर हो या बिलासपुर जमीनों की गड़बड़ी आम बात है. अकेले सिर्फ बिलासपुर के पांच मोहल्ले में 500 करोड़ का जमीन घोटाला सामने आ चुका है. मोपका, चिल्हाटी, सकरी, खमतराई, बहतराई जैसे इलाकों पर रिक्शा चालक, सफाई कर्मी और मजदूरों के नाम पर 100 एकड़ से ज्यादा जमीन चढ़ा दी गई है. इसके बावजूद बिलासपुर के तहसील का लैंड रिकॉर्ड रूम दलालों के हवाले है.
रिक्शा चालक, सफाई कर्मी और मजदूरों के नाम पर 100 एकड़ जमीन
हम इन्हें दलाल इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह बाहरी लोग हैं और अनधिकृत तौर पर दिन भर इनकी दखल तहसील के इस रिकॉर्ड रूम में देखी जा सकती है. स्टाफ नहीं होने की बात कह कर अधिकारियों ने इन्हें रखा है और बिलासपुर तहसील के हर कमरे में एक बाहरी व्यक्ति मौजूद है जो काम कर रहा है. समझा जा सकता है कि बिलासपुर में आखिर जमीन गड़बड़ी कैसे ना हो? जबकि इस मामले में हाई कोर्ट सख्त है, और किसी भी तरह से तहसील में बाहरी व्यक्ति के रहने पर नाराजगी जाहिर कर चुका है और एसडीएम और तहसीलदार से शपथ पत्र भी मांग चुका है लेकिन नजर घटी और दुर्घटना घटी जैसे हालात फिर बन गए हैं. हाई कोर्ट और जिला प्रशासन में ध्यान देना छोड़ दिया है यही वजह है कि यहां बाहरी लोगों की आमद बढ़ गई है और तहसील के राजस्व रिकॉर्ड के अलावा तहसीलदारों के कमरे और नजीर शाखा में भी बाहरी लोग मौजूद है जो दिन भर जमीन के दस्तावेजों को देखते, छूते और उन्हें इधर-उधर करते दिख जाएंगे. सवाल इस बात को लेकर है कि आखिर अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार क्या कर रहे हैं? पूरे बिलासपुर के जमीनों का रिकॉर्ड यहां मौजूद है लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने वाला फिलहाल कोई नहीं दिख रहा और यही वजह है कि बिलासपुर में लगातार दस्तावेजों में कूट रचना कर सरकारी जमीनों की गड़बड़ी सामने आते जा रही है.
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बुजुर्ग रिक्शा चालक आज तक जेल में
बिलासपुर में सब एकड़ जमीन की गड़बड़ी के मामले में बुजुर्ग रिक्शा चालक भोंदू दास जेल में है. इसके अलावा कुछ सफाई कर्मी और मजदूर भी जेल चले गए हैं. इनके कम पढ़े लिखे होने का फायदा उठाकर जमीन के माफियाओं ने इन्हें सरकारी जमीनों का मालिक बना कर उन्हें भेज दिया और वह भाग निकले. लेकिन ऐसे लोग जो इनके जाल में फंस गए वह आज भी जेल की हवा खा रहे हैं. मोपका, चिल्हाटी में हुए जमीन घोटाले में इसके मास्टरमाइंड हैरि जोसेफ और उसके कुछ अन्य साथियों को पुलिस ने पकड़ा है और उन्हें भी जेल भेजा गया है लेकिन इस कार्यवाही में 3 साल लग गए हैं. अब यहां हुए जमीन घोटाले की आज तहसील के अधिकारी और कर्मचारी तक पहुंच गई है और पुलिस ने पत्राचार कर यह पूछा है कि यहां हुई जमीन की गड़बड़ी के मामले में जिन दस्तावेजों में कूट रचना हुई है उन्हें किसने किया है? अभी फिलहाल इस सवाल का जवाब तहसील की तरफ से तो नहीं आया है लेकिन एक बात साफ है कि जिनके हाथों में जमीनों का रिकॉर्ड सौंप दिया गया है उनके अलावा यहां गड़बड़ी कौन करेगा? और आखिर इस गड़बड़ी की छूट यहां कौन दे रहा है यह भी बड़ा सवाल है?
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तहसील में पेट्रोल का डिब्बा लेकर पहुंच रहे लोग
बिलासपुर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें 8 से 9 साल हो गए भटकते लेकिन उन्हें उनकी जमीन नहीं मिली. मजबूर होकर वे कभी पेट्रोल का डिब्बा तो कभी खुद को मौत के हवाले करने की बात कह कर अधिकारियों के सामने पेश हो रहे हैं, लेकिन आज तक सब मामला ठंडा है. कुल मिलाकर बिलासपुर में जमीन का दर्द बढ़ता जा रहा है और अधिकारी के पास इतनी फुर्सत नहीं हुए लोगों की पीड़ा देख सके.