“BJP हाईकमान ने तय किया फडणवीस का नाम, शिंदे नाराज”, रामदास अठावले के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल
Maharashtra CM: महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन को विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे बीजेपी हाईकमान के फैसले से नाराज हैं. अठावले ने कहा कि बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, जिससे शिंदे का मनोबल थोड़ा गिरा हुआ है.
रामदास अठावले ने शिंदे की भूमिका को किया सलाम
रामदास अठावले ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने ढाई साल के अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में अच्छा काम किया है और बीजेपी ने उन्हें इस अवधि में मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखा. इसके बावजूद, बीजेपी हाईकमान ने अब फडणवीस का नाम तय कर लिया है, जिससे शिंदे नाराज हैं. अठावले का कहना है कि शिंदे को अपनी नाराजगी को जल्द ही दूर करना चाहिए, क्योंकि उनकी जीत में बहुत बड़ा योगदान है और अब पार्टी को उन्हें मनाने की आवश्यकता है.
#WATCH दिल्ली: महाराष्ट्र में CM चेहरे पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई-अठावले के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा, “महाराष्ट्र विवाद जल्द खत्म होना चाहिए…भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, लेकिन एकनाथ शिंदे नाराज हैं और उनकी नाराजगी दूर करने की… pic.twitter.com/Wf8QokRlmO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2024
बीजेपी को शिंदे को मनाने की जरूरत: अठावले
अठावले ने आगे कहा, “बीजेपी को अब शिंदे को समझाना चाहिए. उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, विशेषकर लाडली बहन योजना में उनका योगदान रहा है. बीजेपी की सीटों की संख्या भी अधिक आई है, इसलिए शिंदे को इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए.” अठावले ने सुझाव दिया कि शिंदे को अब दो कदम पीछे आना चाहिए, जैसा कि फडणवीस ने पहले किया था. उनका मानना है कि शिंदे को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए. अगर शिंदे इस पद को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें केंद्र में मंत्री पद देना चाहिए.
अठावले ने किया मंत्री पद की मांग
रामदास अठावले ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राज्य में एकजुटता बनाए रखने के लिए शिंदे और उनके 57 विधायकों को एक साथ रहकर इस विवाद को जल्दी सुलझाना चाहिए. उनका मानना है कि अगर ये विवाद लंबे समय तक चलता है, तो जनता का विश्वास टूट सकता है. अठावले ने इस दौरान मंत्री पद की भी मांग की और कहा, “मैंने दो बार फडणवीस से मुलाकात की है और उन्हें अपनी मांग बताई है. फडणवीस ने मुझे आश्वासन दिया था कि मेरी पार्टी के किसी नेता का मंत्री बनना संभव है.”
मंत्रिमंडल का विस्तार और शिंदे की भूमिका
अठावले ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी से जल्दी होना चाहिए, लेकिन इस विस्तार में उनकी पार्टी का भी मंत्री बनना जरूरी है. उनका मानना है कि राज्य सरकार की स्थिरता के लिए सभी नेताओं को अपने मतभेदों को दूर करना होगा और एकजुट होकर काम करना होगा.
अठावले के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है. हालांकि, इस बीच शिंदे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति सहयोगियों से मनमुटाव की ख़बरों के बीच शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बड़ी बात कही है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि महायुति एक साथ है और एक साथ रहेगी. उन्होंने अपने समर्थकों से नाराज होकर एकत्र नहीं होने की अपील भी की.
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों से कहा है कि वे उनके मुख्यमंत्री बने रहने के पक्ष में समर्थन जताने के लिए मुंबई स्थित उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ के बाहर जमा नहीं हों.
यह भी पढ़ें: हिंसा के बाद संभल जाएंगे अखिलेश यादव, बोले- संविधान के उत्सव का ढोंग कर रही भाजपा
राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी- शिंदे
शिंदे ने एक्स पर कहा, ‘‘महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी. हमने एक महागठबंधन के रूप में मिलकर चुनाव लड़ा और हम आज भी साथ हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्रति प्रेम के कारण कुछ लोगों ने सभी से मुंबई आने और एकत्र होने की अपील की है. मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी मेरे समर्थन में इस तरह से एकत्र नहीं हो.’’ हालांकि, बयानबाजी के बाद भी अभी तक महाराष्ट्र में सीएम कौन होगा? ये तय नहीं हुआ है.
दावा किया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस 28-29 नवंबर को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं शिंदे गुट को 12 मंत्री और पवार गुट को 10 मंत्री पद का ऑफर दिया जा सकता है. शेष 21 मंत्री पद सीएम समेत बीजेपी के पास रहने की उम्मीद है. इसके अलावा शिंदे और अजित पवार राज्य के डिप्टी सीएम हो सकते हैं.