Madhya Pradesh: रामनिवास रावत की हार के बाद अब कौन संभालेगा वन विभाग? इन नामों पर चर्चा तेज

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के विजयपुर उपचुनाव में BJP प्रत्याशी और प्रदेश के वन मंत्री रामनिवास रावत को हार का सामना करना पड़ा. उपचुनाव में हार के बाद रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अब प्रदेश में वन विभाग कौन संभालेगा इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इसके लिए कई नाम भी सामने आ रहे हैं.
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कौन बनेगा MP का वन मंत्री?

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के वन मंत्री रामनिवास रावत की विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद प्रदेश का नया वन मंत्री कौन होगा, इसे लेकर अब तलाश शुरू हो गई है. वन मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस पर फैसला मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही होगा.

इन नामों पर चर्चा तेज

रामनिवास रावत के साथ-साथ मंत्रिमंडल में खाली चार पदों पर किन्हें मंत्री बनाया जाएगा, इसकी चर्चा भी तेज हो गई है. वन मंत्री के लिए जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें कमलेश शाह, नागर सिंह चौहान, गौतम टेटवाल और कृष्णा गौर शामिल हैं.

कैबिनेट में कुल कितने मंत्री हो सकते हैं?

विधायकों की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा कुल 34 मंत्री हो सकते हैं. वर्तमान में मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में 31 मंत्री थे. रामनिवास रावत की हार के बाद अब मंत्रियों की संख्या 30 रह गई है. इस प्रकार, कैबिनेट में अभी 4 मंत्रियों को और शामिल किया जा सकता है.

कई विधायकों को मंत्री बनने की आस

पार्टी के कई विधायक मंत्री बनाए जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र से सीनियर विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और अजय बिश्नोई के नाम चर्चा में हैं. हालांकि, फिलहाल भाजपा इसे मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बता रही है.

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अपनी जीत से ज्यादा कांग्रेस को रावत की हार से खुशी

दूसरी ओर, कांग्रेस रामनिवास रावत की हार पर चुटकी ले रही है. दरअसल, रावत पूर्व में कांग्रेस के नेता और 6 बार विधायक रह चुके हैं. 5 साल तक कांग्रेस के विधायक रहने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी बदल ली. BJP में शामिल होने के बाद 8 जुलाई को वह कैबिनेट मंत्री बने और शपथ ग्रहण के 13 दिन बाद उन्हें वन विभाग की जिम्मेदारी मिली.

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हालांकि, रावत मात्र 138 दिन ही मंत्री पद पर रह सके. यहां तक कि मंत्री रहते हुए वे विधानसभा का सत्र भी अटेंड नहीं कर सके. ऐसे में कांग्रेस विजयपुर में अपनी जीत से ज्यादा रावत की हार से खुश है. कांग्रेस ने यहां तक कह दिया कि रावत ने पार्टी बदलने के साथ अपनी किस्मत भी बदल ली.

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