चुनाव से पहले ‘बिहार भ्रमण’ पर निकलेंगे नीतीश और तेजस्वी, समझिए क्या है दोनों नेताओं की रणनीति
एक तरफ नीतीश कुमार अपनी ‘महिला संवाद यात्रा’ के जरिए जेडीयू के कोर वोटरों को साधने में जुटे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजद के फायर ब्रांड नेता तेजस्वी यादव अपनी ‘जन संवाद यात्रा’ के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने निकल पड़े हैं. आइये इन यात्राओं के जरिए बिहार की राजनीति में क्या बदलाव होने जा रहा है विस्तार से बताते हैं:-
नीतीश को टक्कर देने निकलेंगे तेजस्वी
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 दिसंबर से ‘महिला संवाद यात्रा’ पर निकलेंगे, लेकिन इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश को चुनौती देने के लिए अपनी यात्रा का ऐलान कर दिया है. RJD नेता तेजस्वी यादव 4 दिसंबर को मुंगेर में कार्यकर्ता दर्शन के साथ ‘संवाद यात्रा’ की शुरुआत करेंगे. इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. कार्यकर्ताओं को निर्देश भी दे दिया गया है.
तेजस्वी की यात्रा में क्या है खास?
बता दें कि तेजस्वी यादव पहले भी बिहार में तीन बार यात्रा निकाल चुके हैं. इस बार की यात्रा में राजद नेता 4 दिसंबर से 7 दिसंबर तक लगातार कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उनमें जोश भरने का काम करेंगे. इसके पीछे पार्टी की मजबूत रणनीति है.
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NDA के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी
खास बात ये है कि राजद नेतृत्व ने एनडीए को पटखनी देने के लिए रणनीति पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है. इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव पार्टी के बड़े नेताओं के साथ एनडीए के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे. तेजस्वी का फोकस, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर और शेखपुरा पर है.
इन जिलों के विधानसभा सीटों पर राजद का प्रदर्शन बहुत ठीक नहीं रहा है. पिछले कई चुनावों में पार्टी ने यहां खाता भी नहीं खोला. अब इसी प्रदर्शन को देखते हुए तेजस्वी यादव ने नई सिरे से रणनीति तैयार की है. तेजस्वी यादव इस यात्रा के दौरान ललन सिंह और गिरिराज सिंह के गढ़ में गरजेंगे. RJD नेता तेजस्वी यादव की यात्रा का समापन इस बार लखीसराय में होगा.
नीतीश कुमार और तेजस्वी की यात्रा में क्या अंतर?
माना जाता है कि नीतीश कुमार को बिहार की महिलाएं बढ़-चढ़कर वोट करती हैं. चाहे वो जीविका दीदी हों या आंगनवाड़ी सेविका. जनता दल यूनाइटेड यानी की नीतीश कुमार की पार्टी एक बार फिर से इस वोट को एकजुट करने की कोशिश में जुट गई है. इस यात्रा का क्या उद्देश्य है वो इसके नाम से भी पता चल रहा है. यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि अबकी बार NDA के साथ जाने के बाद नीतीश कुमार की ये पहली राजनीतिक यात्रा है.