MP का वो शहर जहां राज कपूर और कृष्णा की जोड़ी सात जन्मों के रिश्ते में बदली, बेटी का नाम भी शहर के नाम पर रखा
Raj Kapoor 100th Birth Anniversary: सुपरस्टार और द शोमैन राज कपूर (Raj Kapoor) का आज यानी 14 दिसंबर को 100वां जन्मदिन है. आज ही के दिन साल 1924 में पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर (Peshawar) में जन्म हुआ था. पिता पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) जो बॉलीवुड के शानदार कलाकार थे. राज कपूर को आज उनकी शानदार एक्टिंग, डायरेक्शन और प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है. मध्य प्रदेश में भी उनके प्रशंसकों की कमी नहीं है. प्रदेश के एक शहर से उनका गहरा नाता है. जिसका नाम है द लैंड ऑफ व्हाइट टाइगर (The Land Of White Tiger) यानी ‘रीवा’ (Rewa) है.
एक नजर में पंसद आ गई थीं बहू
साल 1946 की बात है. मशहूर एक्टर पृथ्वीराज कपूर देश भर में रंगमंच और थियेटर में प्रस्तुति दे रहे थे. इसी सिलसिले में रीवा पहुंचे. शहर में सुरक्षा की जिम्मेदारी आईजी (IG) करतार नाथ मल्होत्रा को सौंपी गई. जो उस समय रीवा के आईजी थे. सुरक्षा की तैयारियों के बीच करतार और पृथ्वीराज के बीच खूब मुलाकात हुई. यही मुलाकात बहुत जल्द दोस्ती में बदल गई. इसी दौरान करतार की बेटी यानी कृष्णा मल्होत्रा कभी-कभी उस बंगले में आया करती थीं. जहां रंगमंच का आयोजन किया जाना था. कृष्णा की झलक देखकर ही पृथ्वीराज कपूर ने उन्हें बहू बनाने की ठान लिया.
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बेटे राजकपूर के साथ शादी का प्रस्ताव करतार नाथ मल्होत्रा के आगे रखा. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया गया. जिस समय शादी की बात चल रही थी उस समय राज कपूर की उम्र 22 साल थी.
तांगे, घोड़े, बैलगाड़ी बारात में शामिल हुईं
उस समय रीवा में रेलवे स्टेशन नहीं थी. सतना में रेलवे स्टेशन था फिर यहां से सड़क के रास्ते रीवा जाना होता था. कृष्णा मल्होत्रा के लिए बारात मुंबई से सतना तक आई यहां से रीवा के लिए रवाना हुई. इस बारात में घोड़े, तांगे, गाड़ी के साथ-साथ बैलगाड़ी भी शामिल हुई.
जिस सरकारी बंगले में शादी हुई वहां आज शानदार ऑडिटोरियम
12 मई 1946 ये वही तारीख है जिस दिन राज कपूर और कृष्णा मल्होत्रा की शादी हुई थी. जिस समय ये शादी हुई कृष्णा की उम्र मात्र 16 साल थी यानी राज कपूर से 6 साल छोटी थीं. उस समय कृष्णा ने 10 वीं की परीक्षा पास की थी. वे शहर के सुदर्शन कुमारी स्कूल में पढ़ा करती थीं. शहर में जिस जगह शादी वाला सरकारी बंगला था वहां आज एक शानदार ऑडिटोरियम में बनाया गया है. इसका नाम कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम रखा गया है.
प्यार की एक और कहानी है
ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वीराज कपूर नहीं चाहते थे कि राज किसी फिल्मी स्टार से शादी करें. वे हमेशा अरेंज मैरिज के पक्ष में रहे. उन्होंने प्रेमनाथ के साथ राज कपूर को रीवा घूमने के लिए भेजा. प्रेम के पिता करतारनाथ, राज के पिता पृथ्वीराज के ममेरे भाई लगते थे. वे यहां आईजी बंगले पहुंचे जहां कृष्णा संगीत सीख रही थीं. सितार बजाती हुईं कृष्णा का परिचय राज कपूर से हुआ. इसके बाद राज ने भी तबले पर संगत देते हुए परिचय को और गाढ़ा कर लिया. कब ये प्यार में बदल गया पता ही नहीं चला जो बाद में शादी में बदल गया.
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दोनों ने अपनी बेटी का ‘रीमा’ रखा
कृष्णा और राज दोनों की कुल 5 संतान हुईं. इनमें 3 बेटे (रणधीर, ऋषि और राजीव) और दो बेटियां (ऋतु और रीमा) हैं. ऐसा कहा जाता है कि दोनों ने बेटी का रीमा इसलिए रखा क्योंकि वो रीवा से खुद को जोड़ना चाहते थे. बघेली बोली में रीवा को रिमहा या रीमा भी कहा जाता है.