Bandish Bandits Season 2 Review: वेब सीरीज़ कैसे बनती है इसे देखकर सीखना चाहिए…

Bandish Bandits Season 2 Review: सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां से पहला सीजन खत्म हुआ था
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Bandish Bandits Season 2 Review: 2020 में प्राइम वीडियो पर एक काफी अलग सीरीज आई थी नाम था बंदिश बैंडिट्स. इस सीरीज ने वो नहीं हुआ जो आजकल की हर दूसरी सीरीज में होता है. इस सीरीज ने कुछ अलग दिखाने की कोशिश की. उसमें पूरी तरह से कामयाब भी हुई और ब्लॉकबस्टर साबित हुई. अब 4 साल के बाद इसका दूसरा सीजन आया है और इसे देखकर पता चलता है कि इसे बनाने में काफी मेहनत की गई है. अब आप लोगों को प्राइम वीडियो पर जाकर इस मेहनत को सफल बनाना होगा. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं ये जानने के लिए ये रिव्यू पढ़ना होगा.

क्या कहती है कहानी ?

सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां से पहला सीजन खत्म हुआ था. राधे यानी ऋत्विक भौमिक को संगीत सम्राट बने हुए तीन महीने हो चुके हैं. अब वो अपनी मां मोहिनी यानी शीबा चड्ढा के साथ घर पर ही बच्चों को संगीत सिखा रहा है. वहीं दूसरी तरफ तमन्ना यानी श्रेया चौधरी ने एक म्यूजिक स्कूल ज्वॉइन कर लिया है. वहां वो अपनी गुरु यानी दिव्या दत्ता से म्यूजिक की बारीकियां सीख रही हैं लेकिन तभी पंडित राधे मोहन राठौड़ यानी नसीरूद्दीन शाह की मौत हो जाती है.

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अब उनके बाद उनके संगीत और घराने को जिंदा रखने का सारा जिम्मा पोते राधे पर आ जाता है लेकिन तभी एक किताब में पंडित जी के बारे में काफी कुछ उल्टा-सीधा छप जाता है. ये किसने छपवाया? इसके बाद घराने की साख का क्या होगा? सब का सोल्यूशन निकालने के लिए राधे तमन्ना के पास वापस जाता है, तो क्या राधे क्या अपने दादा का नाम जिंदा रख पाएगा, क्या तमन्ना राधे की मदद करेगी ? या राधे को अपने ही प्यार से टकराना होगा ? ये सब पता चलेगा जब आप सीरीज जाकर देखेंगे प्राइम वीडियो पर.

दमदार कहानी के साथ-साथ शानदार एक्टिंग

सबसे पहले बात करे एक्टिंग की तो ऋत्विक भौमिक का काम कमाल का है. वो पूरी तरह इस किरदार में घुस गए हैं और उनमें अपने घराने के लिए कुछ करने जा जुनून नजर आता है. श्रेया चौधरी ने भी कमाल का काम किया है. स्टाइल और म्यूजिक को गजब तरीके से मिक्स किया है. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस काफी अच्छी है. और वो ग्लैमरस भी लगी हैं। राजेश तैलंग हमेशा की तरह शानदार हैं. एक बार फिर वो आपको अपनी कमाल को एक्टिंग से इंप्रेस करते हैं.

अतुल कुलकर्णी से शायद कभी खराब एक्टिंग की उम्मीद नहीं की जा सकती, यहां भी वो शानदार काम कर के गए हैं. शीबा चड्ढा का काम भी काफी अच्छा है. इसके अलावा इस सीजन में नई एंट्री लिए कलाकार दिव्या दत्ता और यशस्विनी का काम भी काफी शानदार है. बाकी के सारे एक्टर्स ने भी अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है.

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बेमिसाल डायरेक्शन का कमाल

आनंद तिवारी का डायरेक्शन बढ़िया है. ऐसी सीरीज बनाना बिल्कुल आसान नहीं होता. ये बहुत रिस्की जॉनर है जहां कहानी और म्यूजिक साथ साथ चलते हैं. अगर एक भी ढीला पड़ा तो मजा किरकिरा हो जाएगा. लेकिन आनंद ने इस पर पूरा ध्यान दिया है और एक शानदार सीरीज बनाई है.

पहले सीजन के टक्कर का है म्यूजिक

पहले सीजन में शंकर एहसान लॉय का म्यूजिक था. इस बार बहुत से अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग गानों को बनाया है और म्यूजिक शानदार बना है. आपको मजा आता है सुनकर, पहले सीजन की ही तरह इसमें भी गाने इतने अच्छे हैं की आपका स्किप करने का मन नहीं करेगा.

चलते-चलते

तो ओवरऑल अगर बात करें की कैसी है ये सीरीज तो हम यही कहेंगे की ये सीरीज इसलिए देखी जानी चाहिए कि ये बड़ी मेहनत से कुछ नया करने की कोशिश करती है. सेट शानदार हैं, स्केल शानदार है, म्यूजिक बढ़िया है, और गाने शानदार हैं. इस सीरीज में आप देखना चाहेंगे कि अगले सीन में क्या होगा, कौन आदमी कौनसी चाल चलेगा, अब कौनसा म्यूजिक पीस आएगा? इस सीरीज को देखकर लगता है कि इसे बनाने वालों ने मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उनकी मेहनत नजर आती है, ऐसी सीरीज काफी काम बनती हैं इसलिए इसे नएपन और मेहनत के लिए जरूर देखा जाना चाहिए.

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