Sambhal: प्राचीन मंदिर और कुंए से निकली मूर्तियां, कार्बन डेटिंग के लिए पुरातत्व विभाग को लिखी गई चिट्ठी, खुलेंगे राज
Sambhal: संभल में अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ जारी अभियान के बीच डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा है कि करीब 46 साल बाद खुले प्राचीन मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग करवाई जाएगी. जिसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI को पत्र लिखा गया है. डीएम ने रविवार को दिए अपने बयान में बताया कि यह प्राचीन मंदिर कार्तिक महादेव का मंदिर है. यहां एक कुआं भी मिला है, जो अमृत कूप है. यहां सुरक्षा के मद्देनजर CCTV कैमरे और कंट्रोल रूम की तैयारी भी की गई है.
उत्तर प्रदेश के संभल में मंदिर में अब पूजा- अर्चना भी शुरू हो गई है. अतिक्रमण के दौरान प्राचीन शिव और हनुमान मंदिर के मिलने के बाद डीएम राजेंद्र पेंसिया ने अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला लिया है. मंदिर में पूजा-पाठ के बाद कुछ अतिक्रमण भी हटाया गया. खग्गू दीपा सराय में स्थित 46 साल से बंद पड़े इस मंदिर में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. इसके साथ ही मंदिर में आरती हुई और और मंत्रों का उच्चारण शुरू हो गया.
मंदिर की हो रही निगरानी
मंदिर मिलने के बाद इसके आस-पास CCTV लगाए गए हैं. संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा के लिए पूरे इलाके को CCTV से कवर किया गया है. यहीं पर इसका कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है. जिससे यहां 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे और कोई अराजक तत्व यहां ना आ सकें.
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बता दें कि शनिवार, 14 दिसंबर को बिजली चोरी के खिलाफ संभल में चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह मंदिर मिला था. यह मंदिर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क के आवास से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है. पुलिस प्रशासन ने मंदिर का ताला खुलवाया और साफ सफाई की गई है. बताया जा रहा है कि यह मंदिर 1978 में हुए दंगे के बाद से बंद था. 46 सालों से बंद पड़ा यह मंदिर उस समय बंद कर दिया गया जब दंगों के बाद हिंदू परिवार यहां से पलायन कर गए और खुद ही ताला डालकर चले गए.
यह मंदिर जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है. जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में ही 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद हिंसा हुई थी.