Maha Kumbh 2025: विदेशी श्रद्धालुओं को खूब रास आ रहा सनातन धर्म का महापर्व, मोक्ष की खोज में पहुंच रहे संगम तट

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पहले दिन करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई है. इन श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या विदेशियों की भी है, जो सनातन धर्म से सराबोर दिख रहे हैं.
Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025: आज से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है. आज से अगले 45 दिनों तक आस्था में सराबोर भक्त देश के कोने-कोने से महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंचेंगे. इन भक्तों के अलावा विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी अत्यधिक है. पौष पूर्णिमा के मौके पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई है. इन श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या विदेशियों की भी है, जो सनातन धर्म से सराबोर दिख रहे हैं. कुछ मोक्ष की खोज में संगम पहुंचें हैं तो कुछ सनातन के प्रति आस्था में.

उत्तर प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जबर्दस्त ठंड के बीच भी विदेशी श्रद्धालु संगम तट पर डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं. विदेशी सेलिब्रिटी से लेकर आम विदेशी भी 45 दिन के इस महा आयोजन का हिस्सा बनने पहुंच रहे हैं. संगम में डुबकी लगाने के बाद इन श्रद्धालुओं ने कहा कि भले ही पानी बहुत ज्यादा ठंडा है, लेकिन हमारा दिल आस्था की गर्माहट से भरा हुआ है. गौरतलब है कि हर 12 साल पर प्रयागराज में संगम तट पर महाकुंभ का आयोजन होता है. इस साल यहां पर देश विदेश से करीब 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है.

महाकुंभ में सनातन का अनोखा अनुभव

पहली बार भारत आए ब्राजील के फ्रांसिस्को ने बताया कि उनका दिन इस ठंड में हिंदू धर्म की आस्था से गर्म है. फ्रांसिस्को ने कहा, मैं ब्राजील से पहली बार आस्था की डुबकी लगाने के लिए भारत आया हूं. मैं यहां मोक्ष की तलाश में आया हूं. फ्रांसिस्को ने कहा, यहां पर आना अपने आप में अनोखा अनुभव है. भारत दुनिया का आध्यात्मिक दिल है. मैं नियमित योगाभ्यास करता हूं.

वहीं, स्पेन से आए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानता हूं कि मुझे महाकुंभ में स्नान का मौका मिला है. उन्होंने आगे बताया कि हमारे दोस्तों का एक ग्रुप है. इसमें कोई स्पेन से है कोई ब्राजील से तो कोई पुर्तगाल से. हम सभी आध्यात्मिक यात्रा पर निकले हुए हैं.

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महाकुंभ में एक रूस से आई एक ने कहा- ‘…मेरा भारत महान…भारत एक महान देश है. हम यहां पहली बार कुंभ मेले में आए हैं. यहां हम असली भारत देख सकते हैं – असली शक्ति निहित है. मैं भारत से प्यार करती हूं…”

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से आए एक श्रद्धालु ने कहा, यह बहुत सुंदर है. गलियां साफ-सुथरी हैं और यहां के लोग खुशमिजाज और दोस्ताना हैं. सनातन धर्म को मानता हूं. केपटाउन की ही निक्की ने बताया कि यह बहुत ताकत देने वाला है. गंगा तट पर आकर खुद को सौभाग्यश महसूस कर रही हूं.

वहीं, इटली से महाकुंभ में पहुंची एक श्रद्धालु ने कहा- ‘यह बहुत शक्तिशाली है. अभी मेरे मन में बहुत सारी भावनाएं, रंग और सब कुछ है. यह भारत में मेरी पहली यात्रा है…’

महाकुंभ में पहला अमृत स्नान (शुभ स्नान) मकर संक्रांति अवसर पर 14 जनवरी को निर्धारित है और इस दौरान सभी अखाड़े निर्धारित क्रम में अपने अनुष्ठानिक स्नान करेंगे.

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