घोड़े पर सवार और हाथों में तलवार; कुछ इस तरह भभूत लपेटे महाकुंभ में पहुंचे नागा साधु, देखें खूबसूरत तस्वीरें
Maha Kumbh 2025: आज 14 जनवरी को महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) के पहले अमृत स्नान के लिए नागा साधु-संत पहुंचे. घोड़े-ऊंट और रथ पर सवार नागा साधुओं का प्रवेश जब हुआ तो श्रद्धालुओं को लगा जैसे संगम के घाट पर वे किसी अलग दुनिया में पहुंच गए हैं. किसी के हाथ में तलवार तो किसी का हाथ में त्रिशूल. किसी ने पकड़ा डमरू तो कोई गदा लिए आया नजर. हर-हर महादेव के उद्घोष के घाट पर पहुंचे नागा साधुओं की तस्वीरें
नागा साधु मंगलवार को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के पहले ‘अमृत स्नान’ के लिए घोड़े-ऊंट और रथ पर सवार होकर त्रिवेणी संगम पहुंचे.
त्रिवेणी संगम पर जुटे नागा साधु हाथों में तलवार लिए नजर आए. कुछ साधु हाथों में गदा, त्रिशूल और डमरू लिए तीर्थराज नगरी प्रयागराज के संगम तट पर पहुंचे.
नागा साधु बाबा अपने शरीर पर भभूत (भस्म) लपेटे हुए पहुंचे. बता दें कि नागा साधु कुंभ में सन्ना करने से पहले अपने पूरे शरीर पर भभूत लगाते हैं. भभूत एक पवित्र राख होती है. इसे आध्यात्मिक शुद्धता और सांसारिक मोह-माया से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है.
ढोल-नगाड़े बजाते और हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए बहुत ही उर्जा के साथ नागा साधु अमृत स्नान करने के लिए पहुंचे.
संगम के तट पर अमृत स्नान के लिए जा रहे नागा साधुओं ने अपनी शस्त्र कलाओं का भी प्रदर्शन किया. किसी ने तलवार लहराई तो किसी ने किसी ने त्रिशूल दिखाया.
नागा साधुओं ने संगम घाट पर मकर संक्राति के पर्व पर पहला अमृत स्नान किया.
पंचायती, अटल, निरंजनी और आनंद अखाड़े के नागा साधु और संतों ने एक साथ उल्लास के साथ पहला अमृत स्नान किया. इस दौरान नागा साधु अपने हाथों में अस्त्र-शस्त्र लेकर स्नान करते नजर आए.
करीब 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. उमंग और आनंद के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.