सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त के पास एक और शिकायत, अनुकंपा नियुक्ति में छिपाई जानकारी, बड़े का जिक्र नहीं

MP News: RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और CMHO पर केस दर्ज करने की मांग की है
Gwalior: Former constable Saurabh Sharma hid information in compassionate appointment

ग्वालियर: पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति में छिपाई जानकारी

MP News: परिवहन विभाग के जिस पूर्व आरक्षक के पास काली कमाई का खुलासा हुआ है. उसने पिता की जगह पर अनुकंपा नियुक्ति के प्रारूप आवेदन में बड़े भाई सचिन शर्मा की जानकारी ही नहीं दी थी. अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा पहले ही दिन से किया गया था. सौरभ शर्मा का अनुकंपा नियुक्ति आवेदन सामने आया है. इसमें मां और खुद की जानकारी ही परिवार के रूप में लिखी है. इसी आवेदन पर तत्कालीन CMHO के हस्ताक्षर और सील हैं. आखिर में सौरभ शर्मा के भी हस्ताक्षर हैं.

नियुक्ति पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं

सौरभ ने खुद की पूरी जानकारी इस प्रारूप में लिखी थी. पता 47, विनय नगर, सेक्टर दो, ग्वालियर लिखा था. इस मामले में लोकायुक्त SP से शिकायत भी की गई है. सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिसंबर 2015 में अपने हाथों से आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में भरकर हस्ताक्षर किए थे. इसमें अनुकंपा नियुक्ति के फार्म की प्रति संलग्न है. इसमें उसने अपने पिता का पूरा नाम राकेश कुमार शर्मा लिखा है. पिताजी की मृत्यु की तिथि नवंबर 2015 लिखी है. शैक्षणिक अर्हता के विवरण में BSc, PGDCA लिखा है. परिवार के सदस्यों में मां उर्मा शर्मा व खुद की जानकारी लिखी है. जिस बड़े भाई सचिन शर्मा की जानकारी छिपाई थी. वह सितंबर 2013 को शासकीय सेवा में आ चुका था और रायपुर वित्त विभाग के कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर आडिट सेल में कार्यरत है.

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सौरभ शर्मा और CMHO पर केस दर्ज करने की मांग

पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति मामले में लोकायुक्त में एक और शिकायत हुई है. RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और CMHO पर केस दर्ज करने की मांग की है. RTO कार्यकर्ता संकेत ने सौरभ के रंगीन नियुक्ति आवेदन के साथ लोकायुक्त SP को शिकायत की है. संकेत के मुताबिक सौरभ ने अपने अनुकंपा नियुक्ति आवेदन में तथ्य छुपाए थे. सौरभ ने आवेदन में परिवार के सदस्यों के कॉलम में अपने भाई की जानकारी छिपाई थी.

सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में तैनात था. लेकिन सौरभ ने भाई की जानकारी ही छिपा ली. सौरभ की मां उमा शर्मा ने आवेदन में सहमति कॉलम पर हस्ताक्षर किए थे. तत्कालीन CMHO ने इस आवेदन को वेरिफाई किया था. RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने इस आवेदन पर सौरभ और तत्कालीन CMHO सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की है.

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