‘महाकुंभ’ से लेकर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक…26 जनवरी की परेड में दिखेंगी ये खूबसूरत झांकियां
प्रतीकात्मक तस्वीर
Republic Day Parade: 26 जनवरी…यह तारीख हर भारतीय के दिल में गहरी जगह रखती है. सिर्फ इसलिए नहीं कि यह वह दिन है जब भारतीय संविधान को लागू किया गया था, बल्कि इसलिए भी कि यह दिन भारत की विविधता, शक्ति और एकता का प्रतीक बनकर सामने आता है. और जब बात हो गणतंत्र दिवस की परेड की, तो ये सिर्फ एक राष्ट्रीय उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐसा शो है, जो हर भारतीय को गर्व, खुशी और जोश से भर देता है. इस साल 76वां गणतंत्र दिवस है, और दिल्ली का कर्तव्य पथ एक बार फिर से भारतीय सभ्यता, संस्कृति और प्रगति की शानदार झलकियों से रोशन होने वाला है. आइए जानते हैं, इस बार की परेड में क्या होगा खास, जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा!
इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की थीम ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है. गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इस थीम पर 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी. झांकियां भारत की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश को प्रदर्शित करेंगी. भाग लेने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गोवा, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, दिल्ली, दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक गोवा की झांकी में गोवा की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया जाएगा. उत्तराखंड की झांकी में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेल देखने को मिलेंगे. हरियाणा भगवत गीता का प्रदर्शन करेगा. झारखंड ‘स्वर्णिम झारखंड : विरासत और प्रगति की विरासत’ को अपनी झांकी में दर्शाएगा.
उत्तर प्रदेश की ‘महाकुंभ’ झांकी
उत्तर प्रदेश ने इस बार गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी के जरिए दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन, महाकुंभ, की भव्यता को दिखाने का निर्णय लिया है. क्या आप कल्पना कर सकते हैं, कैसे पवित्र त्रिवेणी संगम पर साधु-संतों का अद्भुत स्नान होता है? इस झांकी में समुद्र मंथन की प्राचीन कथा को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा. महाकुंभ का दृश्य आपको हर भारतीय की आस्था, धार्मिकता और गौरव से जोड़ने का काम करेगा. यह कोई सामान्य झांकी नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक यात्रा का जीवित प्रमाण होगी.
गुजरात की औद्योगिक चमक
गुजरात हमेशा से अपने विकास के लिए जाना जाता है, और इस बार भी उसने अपनी झांकी के जरिए औद्योगिक प्रगति और नवाचार को दिखाने का दमदार फैसला लिया है. गुजरात की झांकी में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, से लेकर सी-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसी क्रांतिकारी योजनाओं को दिखाया जाएगा. यह दर्शाता है कि गुजरात न केवल एक सांस्कृतिक केंद्र है, बल्कि औद्योगिक क्रांति के मामले में भी अग्रणी है. गुजरात की यह झांकी भारत के समृद्ध भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
लखपति दीदी का संघर्ष
भारत के हर कोने में एक संघर्ष की कहानी छिपी होती है. और जब बात हो महिलाओं के सशक्तिकरण की, तो लखपति दीदी की कहानी सबसे प्रेरणादायक बनकर सामने आती है. इस बार, ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी में हमें यह देखने को मिलेगा कि कैसे भारत की ग्रामीण महिलाएं सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से न केवल अपनी जिंदगी संवार रही हैं, बल्कि अपने गांव और समाज को भी बेहतर बना रही हैं. यह झांकी हमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और महिला सशक्तिकरण की असल ताकत से अवगत कराएगी.
भारत की सांस्कृतिक धरोहर: रंगों से भरी यात्रा
जब हम भारत के बारे में सोचते हैं, तो हमारी आंखों में उसकी सांस्कृतिक विविधता का चित्र उभरता है. इस साल की परेड में भारत के विभिन्न राज्यों की झांकियां उस रंग-बिरंगे भारत को सामने लाएंगी, जो हमारे दिलों में बसा हुआ है. राजस्थान की पारंपरिक कला, पंजाब का भांगड़ा, महाराष्ट्र की झांकी, उत्तर-पूर्वी राज्यों की अद्भुत संस्कृति—ये सब मिलकर भारतीय एकता और विविधता का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे. हर राज्य अपनी पारंपरिक वेशभूषा, लोक कला और हस्तशिल्प के साथ कर्तव्य पथ पर अपनी पहचान बना रहा होगा.
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प्रधानमंत्री का संबोधन
गणतंत्र दिवस परेड के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भी महत्वपूर्ण होता है. इस साल, उनका भाषण सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं होगा, बल्कि यह आधुनिक भारत की उन सफलता की कहानियों को भी सामने लाएगा, जिन्हें हम आज पूरी दुनिया में गर्व से बता सकते हैं. चाहे वह डिजिटल इंडिया हो, आत्मनिर्भर भारत की पहल, या फिर स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में वह विश्वास होगा, जो हमें अपने भविष्य को और भी उज्जवल बनाने के लिए प्रेरित करेगा.
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
अब बात करते हैं उस पल की, जिसे देखने के लिए हर भारतीय का दिल धड़कता है—सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन. यह कोई साधारण शो नहीं, बल्कि एक ताकतवर संदेश होगा, जो दुनिया को दिखाएगा कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार है. भारत की सेना, वायुसेना, और नौसेना के बेहतरीन दस्ते अपने अत्याधुनिक हथियारों, टैंक, हेलीकॉप्टर्स और मिसाइलों के साथ कर्तव्य पथ पर कदम से कदम मिलाकर चलेंगे. यह शो केवल हमारी सैन्य शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा का मजबूत संदेश भी देगा.
विज्ञान, तकनीकी और नवाचार
भारत की प्रगति अब सिर्फ कृषि या उद्योग में ही नहीं, बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार में भी हो रही है. इस साल की परेड में स्पेस टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों को भी दर्शाया जाएगा. यह दिखाएगा कि भारत आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में भी पीछे नहीं है और भविष्य में ये तकनीकी नवाचार न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करेंगे.
इस वर्ष लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झांकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी. इस बार राजस्थान की झांकी में विरासत ओर विकास का सुन्दर मिश्रण किया गया है. यह झांकी विकसित भारत की संकल्पना लिये राजस्थान के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य परंपरा के साथ ही राज्य के नवीन निर्माण की एक सुंदर झांकी है. वहीं छत्तीसगढ़ की झांकी को भी स्पेस मिली है.
गणतंत्र दिवस की सशक्त संदेश
76वें गणतंत्र दिवस की परेड न केवल हमारे संविधान, संप्रभुता और सुरक्षा का प्रतीक होगी, बल्कि यह हमें याद दिलाएगी कि हम एक ऐसे राष्ट्र हैं, जो विविधताओं में एकता को अपनाता है और लगातार अपने विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. हर झांकी, हर मार्च, और हर प्रदर्शन भारत की उस सशक्त भावना को दिखाएगा, जो कभी भी किसी भी चुनौती से डरती नहीं.