नौकरी, इंसेटिव्स और महंगाई से राहत…बजट में सरकार से क्या-क्या चाहती हैं महिलाएं?
प्रतीकात्मक तस्वीरें
Budget 2025: आजकल महिलाएं घर की चार दीवारों तक सीमित नहीं हैं. वो अब हर फील्ड में धमाल मचा रही हैं. चाहे बड़े-बड़े कॉर्पोरेट्स में टॉप पॉजिशन्स हो, अपना बिजनेस चला रही हों या फिर नौकरीपेशा, महिलाएं हर जगह छाई हुई हैं. साथ ही करोड़ों महिलाएं जॉब्स के लिए भी लगातार संघर्ष कर रही हैं. महिला सशक्तिकरण और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार की कई योजनाएं काम कर रही हैं, और आगामी बजट में भी महिलाओं के लिए कुछ नई पहल की उम्मीद जताई जा रही है.
महिलाओं के लिए सरकार की स्कीम्स
मिशन शक्ति (महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए)
मातृ वंदना योजना (प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (महिला उद्यमियों को लोन)
जननी सुरक्षा योजना (प्रसव के दौरान महिलाओं को सपोर्ट)
इन योजनाओं के जरिए सरकार महिलाओं को हर कदम पर सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. अब इस बार के बजट में क्या बदलाव आ सकते हैं?
महिला श्रमबल
भारत में 2023 तक महिलाओं की श्रमबल भागीदारी दर 32.7% थी. यानी हर तीन में से एक महिला किसी न किसी आर्थिक गतिविधि में शामिल है. अब ये आंकड़ा और बढ़ेगा! संगठनों का मानना है कि महिलाओं को फ्लेक्सिबल वर्क आवर्स, बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट और क्रेच जैसी सुविधाएं देने से उनकी भागीदारी और बढ़ सकती है.
आने वाले बजट में महिलाओं के लिए क्या है खास?
महिला सशक्तिकरण को लेकर इस बार बजट में 3 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन का अनुमान है. पिछले साल इस मद में भारी खर्च हुआ था, और अब महिलाएं और ज्यादा फायदा उठा सकती हैं. ऋत्विका नायडू, जो महाराष्ट्र में ग्रामीण महिलाओं के साथ काम करती हैं, उनका मानना है कि सरकार को रोजगार से जुड़े इंवेटिव्स पर फोकस करना चाहिए, जैसे फ्लेक्सिबल वर्क पॉलिसी और समान वेतन.
वहीं, सौजन्या कनुरी (ACT for Women) का कहना है कि अगर ‘जेंडर बजटिंग’ बढ़ाई जाए तो महिलाएं और अधिक Mainstream हो सकती हैं. इसका मतलब, महिलाएं न केवल समाज में, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी सक्रिय रूप से शामिल हो सकती हैं.
पॉलिसी चेंज या नई स्कीम्स?
नीरा नंदी मीडिया से कहती हैं कि आगामी बजट में घरेलू पूंजी को अनलॉक करने के लिए टैक्स इंसेंटिव्स और पॉलिसी सुधार किए जा सकते हैं. वहीं, कल्पना अजयन (Women World Banking) का कहना है कि योजनाओं जैसे लखपति दीदी, PM स्वनिधि, और मुद्रा योजना ने पहले ही महिलाओं को सशक्त किया है. अब बजट में इन योजनाओं के लिए और पैसा मिलने की उम्मीद है.
महिलाओं को क्या मिलेगा?
इस बार के बजट में उम्मीद है कि सरकार सेफ्टी, एजुकेशन और मातृ स्वास्थ्य जैसी योजनाओं को बढ़ावा देगी. प्रधानमंत्री जन धन योजना और मुद्रा योजना जैसे कार्यक्रम पहले से ही महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं, और अब इनके विस्तार की संभावना जताई जा रही है.
और भी आगे बढ़ेगा भारत
अगर इस बार का बजट महिलाओं के लिए ज्यादा समर्थन लेकर आता है, तो ये न सिर्फ महिलाओं की सामाजिक स्थिति को बदलने में मदद करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दे सकता है. तो, महिलाएं तैयार हो जाइए – इस बार का बजट आपके लिए नई उम्मीदों के साथ आ सकता है!