Chhattisgarh News: नई सड़क से कई गांव तबाह, घरों की छतें बनी पार्किंग, दुकान-मकान सब बर्बाद, 100 साल पुराने गांव का नाम बदला
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बिलासपुर-कटघोरा मार्ग पर NHAI ने ऐसी सड़कें बनाई है, जिससे घर, मकान और दुकान सब बर्बाद हो गए हैं. लोग घरों की छत का इस्तेमाल कंडे सूखाने, गाड़ियों को पार्किंग करने और ईंट वगैरह रखने के लिए कर रहे हैं.
कोनी से बेलतरा और कटघोरा तक सबसे अधिक मकान हैं जो सड़क निर्माण की जद में आने से बुरी तरह प्रभावित हुई है. यहां रहने वाले कहते हैं कि वह प्रशासन के अधिकारियों को अपनी समस्या बताते-बताते थक चुके हैं. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. विस्तार न्यूज ने ऐसे ही पीड़ितों के पास पहुंचकर उनकी समस्याएं जानीं.
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
बिलासपुर के कोनी में अटल यूनिवर्सिटी के सामने रहने वाले गेंदालाल सोनी ने बताया कि उनका मकान बर्बाद हो चुका है. बिलासपुर से कटघोरा तक बनने वाली नेशनल हाईवे सड़क निर्माण के चलते उनका 5 साल पुराना मकान 15 फीट नीचे चला गया है. उनके घर की छत और सड़क बराबर हो गई है. यही वजह है कि उन्हें कई समस्याएं हो रही है.
नतीजा यह है कि उन्होंने अपनी छत को कार और गाड़ी पार्किंग करने का जरिया बना लिया है. इसके अलावा पूरी कोनी के नाले का पानी भी उनके घर के सामने आकर जमा हो रहा है. दिनभर बदबू और गंदगी जैसी स्थितियां बनी हुई है. इसके बावजूद कोई भी अधिकारी उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.
घर बचा है या नहीं, पता ही नहीं चलता
कोनी से आगे बढ़ने पर रामकुमार केवट का मकान है. उनका कच्चा मकान सड़क निर्माण के कारण बुरी तरह प्रभावित है. घर के सामने वाला दरवाजा ब्लॉक हो चुका है. इस कारण उनके परिवार को पीछे से 4 किलोमीटर घूम कर घर तक पहुंचाना पड़ रहा है. नतीजा यह है कि उन्हें राशन पानी लाने दुकान तक पहुंचने और आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है.
सेंदरी के भगवत जैसवाल बताते हैं कि सड़क निर्माण की जद में आने से उनके और आसपास के गांव की पानी टंकी खराब हो गई है. आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और अधिकारी सड़कों पर सुरक्षा को लेकर बेपरवाह हैं. इसलिए हर चौथे दिन एक हादसा हो रहा है.
70 किलोमीटर की सड़क पर जगह-जगह बदइंतजामी
बिलासपुर से कटघोरा तक बने 70 किलोमीटर सड़क पर कई जगहों पर दिक्कतें हैं. सेंदरी, गतौरी, बिलासपुर, रानीगांव और भरारी में बहुत लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. वहीं जिन्हें मिला है वह भी असंतुष्ट हैं. लोग बहुत दिनों से प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसके तरफ भी प्रशासन फिलहाल कोई ध्यान नहीं दे रहा है. कुल मिलाकर निर्माण के चलते दर्जनों गांव बुरी तरह से प्रभावित है.
बता दें कि NHAI ने हाईवे से सटे कई गांवों के नाम भी बदल दिए हैं. रोड पर बोर्ड में जिस तरह से गांव के नाम अंकित किए गए हैं, उससे आम लोग भटक जा रहे हैं. उदहारण के तौर पर बात करें तो जाली गांव को जेल गांव, लोफंडी को लोखदी, सेमरताल को सिमर्तल कर दिया गया है, लेकिन गांव वालों के इस समस्या पर भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है.