“जल्द सामने आएगी सच्चाई, मामला…”, ट्रंप के फंडिंग वाले दावे पर पहली बार बोले विदेश मंत्री जयशंकर

यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो गया है क्योंकि ट्रंप ने तीन अलग-अलग मौकों पर यह दावा किया है कि भारत को अमेरिका से 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. हालांकि, एक अन्य रिपोर्ट में यह कहा गया था कि यह फंडिंग बांग्लादेश के लिए थी, न कि भारत के लिए. लेकिन ट्रंप ने इसे लेकर साफ कहा कि दोनों देशों को यह मदद मिली थी.
S Jaishankar

एस जयशंकर, विदेश मंत्री

USAID Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह दावा किया था कि भारत को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी गई थी. यह बयान ट्रंप ने कई बार दिया और कहा कि यह फंडिंग भारतीय चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से दी गई थी. ट्रंप ने कहा कि भारत को किसी प्रकार की आर्थिक मदद की जरूरत नहीं है और वह अमेरिका का फायदा उठाते हैं, क्योंकि भारत अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलता है.

जयशंकर ने क्या कहा?

अब इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई सामने आने वाली है. जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिकी एजेंसी एसएआईडी (USAID) को भारत में ‘अच्छे इरादों’ के तहत काम करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां संभवत: बुरी नीयत से की गई थीं. विदेश मंत्री ने बताया कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से जो जानकारी सामने आई है, वह चिंताजनक जरूर है, और ऐसा लगता है कि इसे किसी खास उद्देश्य से किया गया था. भारत सरकार इस मामले में जांच कर रही है और जल्द ही पूरा सच सामने आएगा.

ट्रंप ने तीन अलग-अलग मौकों पर दिया बयान

यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो गया है क्योंकि ट्रंप ने तीन अलग-अलग मौकों पर यह दावा किया है कि भारत को अमेरिका से 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. हालांकि, एक अन्य रिपोर्ट में यह कहा गया था कि यह फंडिंग बांग्लादेश के लिए थी, न कि भारत के लिए. लेकिन ट्रंप ने इसे लेकर साफ कहा कि दोनों देशों को यह मदद मिली थी.

इस बयान से भारत में राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने ट्रंप के आरोपों को चुनावी हस्तक्षेप से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस बाहरी ताकतों का सहारा ले रही है. बीजेपी के नेता यह मानते हैं कि ट्रंप के बयान को लेकर कांग्रेस को सफाई देनी चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि वो भारतीय लोकतंत्र में किसी बाहरी ताकत का हस्तक्षेप नहीं चाहती. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसके पीछे जो ताकतें हैं, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए.

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कांग्रेस ने पूछे सवाल

वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार को ट्रंप से इस बारे में स्पष्टता मांगनी चाहिए. पवन खेड़ा का कहना है कि पिछले 11 वर्षों में 44 प्रतिशत USAID फंड बीजेपी शासन में आया, जबकि 40 प्रतिशत UPA काल के दौरान आया. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह यह स्पष्ट करें कि यह फंड किन संगठनों को गया. पवन खेड़ा ने कहा कि USAID के मामले में रोज नए झूठ सामने आ रहे हैं. बीजेपी ने कहना शुरू किया की ये करार 2012 में हुआ जबकि SY Qureshi ने साफ किया की पैसे आए ही नहीं. फिर पता चला की ये पैसा बांग्लादेश गया. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि मोदी सरकार को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जो यह बताए कि यह फंड किस तरह और कहां खर्च किया गया.

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