कैसा होगा बागेश्वर धाम का मल्टी स्पेशियलिटी कैंसर अस्पताल, देखें 3D मॉडल की खूबसूरत तस्वीरें

MP News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम में 200 करोड़ की लागत से बनने वाले कैंसर अस्पताल के 3D मॉडल की खूबसूरत तस्वीरें सामने आई हैं. PM मोदी ने 23 फरवरी को इस हॉस्पिटल का भूमि पूजन किया था.
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बागेश्वर धाम कैंसर अस्पताल का 3D व्यू

MP News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित प्रसिद्ध बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) में करीब 200 करोड़ रुपए की लागत से मल्टी स्पेशियलिटी कैंसर हॉस्पिटल बनने वाला है. 23 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (कैंसर हॉस्पिटल) की आधारशिला रखी. इस कैंसर अस्पताल में गरीबों को फ्री में इलाज मिलेगा. साथ ही अन्य मरीज यहां कम दाम में इलाज करा सकेंगे. 25 एकड़ में बनने वाले मल्टी स्पेशियलिटी कैंसर हॉस्पिटल की 3D तस्वीरें सामने आई हैं. देखें तस्वीरें-

बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (कैंसर हॉस्पिटल)

23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में ‘बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (कैंसर हॉस्पिटल)’ की आधारशीला रखी.

25 एकड़ में बनेगा अस्पताल

बागेश्वर धाम में यह कैंसर अस्पताल 25 एकड़ की जमीन में करीब 200 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला है. पहले चरण में इस अस्पताल में 100 बेट रहेंगे.

ड्रोन शॉट

इस तस्वीर में देखिए अस्पताल के ड्रोन शॉट का 3D व्यू.

आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं

मरीजों के लिए पैथोलॉजी, सीटी स्कैन, MRI, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. इसके अलावा यहां विदेशी डॉक्टर भी सेवाएं देंगे.

सोलर पार्किंग

यहां मंदिर, प्रदर्शनी परिसर, दुकानें, सोलर पार्किंग और धर्मशाला जैसी सुविधाएं भी होंगी.

3 साल में बनकर होगा तैयार

100 बेड वाला यह अस्पताल 3 साल में बनकर तैयार होगा. यहां गरीबों को फ्री में इलाज की सुविधा मिलेगी, जबकि अन्य मरीज कम खर्च में इलाज करा सकेंगे.

कैंसर अस्पताल का नाइट व्यू

देखिए कैंसर अस्पताल का नाइट व्यू. इस अस्पताल के बनने से बुंदेलखंड के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. वर्तमान में इस क्षेत्र के कैंसर मरीजों को ग्वालियर-झांसी जाना पड़ता है. अस्पताल बनने से उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी और बाहर नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही गांव में ही इलाज़ हो जाएगा.

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