अमित शाह बोले- नानाजी देशमुख अन्त्योदय सिद्धांत को जमीन पर लेकर आए, उनका विरोध करने का साहस किसी में नहीं
नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि में चित्रकूट में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ.
Nanaji Deshmukh Death anniversary: नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर आज गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर गृहमंत्री ने कहा कि नाना जी की पुण्यतिथि पर मैं उनकी कर्म भूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने आया हूं. शाह ने कहा कि नाना जी ने ग्रामोत्थान के माध्यम से अन्त्योदय के सिद्धांत को जमीन पर उतारने के लिए चित्रकूट को अपना कार्यक्षेत्र बनाया.
मध्यप्रदेश के चित्रकूट में भारत रत्न नानाजी देशमुख की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. इसमें गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, कथा वाचक मोरारी बापू सहित तमाम बड़ी हस्ति शामिल हुए.
‘नानाजी का विरोध करने का साहस किसी में नहीं’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नाना जी ने 60 साल की उम्र में राजनीति छोड़ दी. लेकिन राजनीति में लोगों का विरोध किया जाता है. लोग अक्सरअपने विरोधियों पर आक्षेप लगाते हैं, लेकिन नानाजी का विरोध करने का साहस किसी में नहीं था. ना ही लोग नानाजी के महान व्यक्तित्व
का विरोध करना सही समझते थे.
नानाजी ने बताई की राजनीतिक मर्यादा क्या है- CM
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मैं अपने आप को धन्य मानता हूं कि मैं नानाजी देशमुख से मिल चुका हूं. मुख्यमंत्री ने कहा,’अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े होने के समय से ही नानाजी के पास आता रहा हूं.नानाजी हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं. राजनीतिक जीवन में भी सीमा और मर्यादा क्या होती है, वो हमको नानाजी से पता चलती है. आपातकाल के दौर में मोरारजी देसाई नानाजी को अपने मंत्रिमंडल में जगह देते हैं लेकिन वह मना कर देते हैं.’
‘नानाजी ने रामदर्शन के साथ ग्राम दर्शन भी कराया‘
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोरारी बापू ने कहा, मैं नानाजी की एकात्म वादी चेतना को मैं शत-शत प्रणाम करता हूं. मोरारी बापू ने कहा, ‘नानाजी के मैं काफी करीब रहा हूं. मैं यहां जब भी आता था नानाजी से मुलाकात होती थी. नानाजी ने रामकथा के जरिए राम दर्शन तो करवाया साथ ही ग्राम दर्शन भी करवाया. इसके साथ ही उन्होंने अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का भी दर्शन करवाया.