Gwalior: 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगे ढाई करोड़ रुपये, रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव को बनाया शिकार

साइबर ठगों ने स्वामी सुप्रदिप्तानंद को धमकाया कि उनके नाम से कैनरा बैंक में खाता है. जिसमें 20 करोड़ रुपये का अनैतिक लेनदेन किया गया है. जिसके बाद 26 दिनों तक देशभर में अलग-अलग बैंक खातों में 2 करोड़ 52 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए.
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Digital Arrest Fraud In Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव को 26 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने नासिक का पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया और स्वामी सुप्रदिप्तानंद को नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर अपने जाल में फंसाया. आरोपियों ने 26 दिनों तक देशभर के अलग-अलग बैंक खातों में 2 करोड़ 52 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए. मामले में ग्वालियर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है.

मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट से सबसे बड़ी ठगी

बताया जा रहा है कि ये मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सबसे बड़ी ठगी है. 7 मार्च को स्वामी सुप्रदिप्तानंद के पास 2 अलग-अलग नंबरों से कॉल किया गया. इसके बाद ठगों ने धमकाया कि उनके नाम से कैनरा बैंक में खाता है. जिसमें 20 करोड़ रुपये का अनैतिक लेनदेन किया गया है. पुलिस यूनिफॉर्म पहने ठगों ने अनैतिक लेनदेन की फर्जी PDF भी भेजी. आरोपियों के बैकग्राउंड में नासिक पुलिस का बोर्ड लगा था, जिससे सुप्रदिप्तानंद को सच में लगा कि कॉल नासिक पुलिस ने किया है. इसके बाद उन्होंने 26 दिनों तक देशभर के अलग-अलग बैक खातों में 2 करोड़ 52 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए. ठगों ने बताया था कि 15 अप्रैल को पैसे वापस आ जाएंगे. लेकिन जब पैसे वापस नहीं आए तो सुप्रदिप्तानंद ने SSP से शिकायत की.

फिलहाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

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