वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान SC ने कहा- कागजात नहीं तो पुरानी मस्जिदों का क्या होगा? केंद्र से मांगी सफाई
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
Waqf Law: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक तरफ देश भर में विरोध रहा है.पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में विरोध के दौरान हिंसा भी भड़क गई. इस बीच वक्फ कानून के खिलाफ दर्ज की गई 73 याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से ‘वक्फ बाय यूजर’ (waqf by user) संपत्तियों के प्रावधानों को लेकर सवाल किए. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से सवाल पूछते हुए जवाब मांगा कि अगर किसी पुरानी मस्जिद के पास कागजात नहीं होंगे तो उनका रजिस्ट्रेशन कैसे होगा.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने बुधवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई की. तीन न्यायधीशों की पीठ ने केंद्र से ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने पर स्पष्टिकरण मांगा. कोर्ट ने कहा-’14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी अधिकतर मस्जिदों के पास बिक्री विलेख (sale deed) नहीं होंगे. इनका रजिस्ट्रेशन कैसे होगा? आपने अभी तक सवाल का जवाब नहीं दिया. ‘वक्फ बाय यूजर’ घोषित होगा या नहीं? यह तो पहले से स्थापित चीज को उलटना होगा. वक्फ बाय यूजर संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन कैसे होगा? आप यह नहीं कह सकते कि ऐसा कोई मामला ही नहीं होगा.’
‘रजिस्टर्ड डीड की मांग करना असंभव’
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा-‘ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड डीड की मांग करना असंभव है क्योंकि वे ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियां होती हैं.’ इसके साथ ही कोर्ट ने वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी सवाल उठाया. कोर्ट ने केंद्र से सवाल पूछा कि क्या वह हिंदू ट्रस्टों में मुस्लमानों को शामिल करने की अनुमति देगा? वक्फ संशोधन अधिनियम की वह शर्त, जिसके अनुसार किसी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा जब तक कलेक्टर यह जांच कर रहा हो कि वह सरकारी भूमि है या नहीं क्या इसे प्रभावी नहीं माना जाएगा?
क्या होता है ‘वक्फ बाय यूजर’?
‘वक्फ बाय यूजर’ उस संपत्ति को कहा जाता है जिसे लंबे समय तक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाए जाने के कारण वक्फ माना जाता है. ऐसे में अगर उस संपत्ति को लेकर कोई औपचारिक दस्तावेज न होगा तो भी वह ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्ति ही होगी. वहीं, नए कानून में एक छूट दी गई है कि यह उन संपत्तियों पर लागू नहीं होगा, जो विवादित हैं या सरकारी जमीन पर हैं.
ये भी पढ़ें- वक्फ कानून के खिलाफ सुनवाई में बोले कपिल सिब्बल- यह धार्मिक मामलों में दखल, SC ने कहा- संसद ने हिंदुओं पर कानून बनाया
CJI खन्ना ने सॉलिसिटर से किए सवाल
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- ‘वहां एक दुकान है, एक वक्फ का मंदिर है. कानून यह नहीं कहता कि उसका उपयोग बंद हो जाएगा. यह कहता है कि जब तक निर्णय नहीं होता, उसे लाभ नहीं मिलेगा.’ इस पर CJI खन्ना ने पूछा- ‘फिर क्या होगा? किराया कहां जाएगा? फिर उस प्रावधान की क्या जरूरत है?’ इस पर सॉलिसिटर मेहता ने जवाब दिया- ‘यह नहीं कहा गया है कि वक्फ के रूप में उसका उपयोग बंद हो जाएगा.’
गुरुवार को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 17 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा.