न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन से लेकर शिकागो तक…ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन क्यों? सड़क पर उतरे अमेरिकी नागरिक

प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि वे ट्रंप सरकार के तानाशाही जैसे रवैये का विरोध कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि अमेरिका का लोकतंत्र सुरक्षित रहे. आंदोलन की प्रवक्ता हीदर डन ने बताया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसी तरह की हिंसा का इरादा नहीं है.
US Protests

ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अमेरिकी नागरिक

US Protests: अमेरिका में एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है. ट्रंप की नीतियों से नाराज हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. शनिवार, 19 अप्रैल को देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन और रैलियां हुईं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे, ताकि लोकतंत्र की रक्षा की जा सके. हालांकि, न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और शिकागो जैसे बड़े शहरों में इस बार भीड़ थोड़ी कम दिखी, लेकिन जोश और नाराजगी में कोई कमी नहीं थी. इससे पहले 5 अप्रैल को भी ट्रंप के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हुए थे.

देशभर में 400 से ज्यादा जगहों पर रैलियां

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लोरिडा के जैक्सनविल से लेकर कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स तक लगभग 400 अलग-अलग रैलियों का आयोजन किया गया. इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले लोग सरकारी नौकरियों में कटौती, कमजोर होती अर्थव्यवस्था और नागरिक अधिकारों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जता रहे थे.

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रंप सरकार कानून का शासन कमजोर कर रही है और आम नागरिकों के बुनियादी अधिकारों का हनन कर रही है. बताया गया कि ट्रंप के 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से अब तक यह चौथा बड़ा प्रदर्शन है. इससे पहले 17 फरवरी को ‘नो किंग्स डे’ नाम से भी विरोध हुआ था, जब ट्रंप ने खुद को सोशल मीडिया पर ‘किंग’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था.

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें

प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि वे ट्रंप सरकार के तानाशाही जैसे रवैये का विरोध कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि अमेरिका का लोकतंत्र सुरक्षित रहे. आंदोलन की प्रवक्ता हीदर डन ने बताया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसी तरह की हिंसा का इरादा नहीं है. हीदर डन ने यह भी कहा कि इस आंदोलन में केवल डेमोक्रेट ही नहीं, बल्कि इंडिपेंडेंट और रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल हो रहे हैं. सभी का एक ही सपना है कि ऐसी सरकार बने जो जनता के भले को सबसे ऊपर रखे और ईमानदारी से काम करे.

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किन बातों से नाराज हैं लोग?

प्रदर्शन कर रहे लोगों की नाराजगी के कई कारण हैं. सबसे पहले ट्रंप की टैरिफ नीतियों की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. शेयर बाजार में गिरावट आई है और बेरोजगारी बढ़ी है. सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही है, जिससे लोगों में डर और गुस्सा है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर पाबंदी जैसी घटनाओं ने भी जनता को नाराज किया है. इसके अलावा, व्हाइट हाउस से प्रमुख समाचार एजेंसियों को बाहर निकालने और अप्रवासन नीतियों में सख्त बदलाव लाने जैसे कदमों ने भी लोगों के असंतोष को हवा दी है.

कुछ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति ट्रंप और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क की नीतियों को भी देश के लिए खतरा मानते हैं. उनका कहना है कि ऐसे फैसले समाज में बंटवारे और अशांति को बढ़ावा दे रहे हैं.

हालांकि अभी यह कहना मुश्किल है कि इन विरोध प्रदर्शनों का राष्ट्रपति ट्रंप की सरकार पर कितना असर पड़ेगा, लेकिन इतना साफ है कि देश के बड़े हिस्से में सरकार के खिलाफ असंतोष लगातार बढ़ रहा है. अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले समय में अमेरिकी राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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