आतंक का अड्डा, घाटी में दशकों से दहशत का खेल…ऐसे आतंकियों का गढ़ बना पाकिस्तान!

पाकिस्तान में असल सत्ता चुनी हुई सरकार के पास नहीं, बल्कि वहां की फौज और ISI के पास है. ये दोनों मिलकर आतंकी संगठनों को पैसा, हथियार और पनाह देते हैं. PoK में आतंकी कैंप चलाने से लेकर आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने तक, सब ISI की देखरेख में होता है.
Pakistan Terrorism

प्रतीकात्मक तस्वीर

Pakistan Terrorism: पाकिस्तान में इस वक्त 150 से ज्यादा आतंकी संगठन सक्रिय हैं और इनका सबसे बड़ा निशाना है भारत, खासकर कश्मीर. ये संगठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से आतंक फैलाने का काम करते हैं. आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर ये पूरा माजरा क्या है और क्यों पाकिस्तान को आतंक की फैक्ट्री कहा जा रहा है.

आतंक का पुराना खेल

पाकिस्तान पिछले 30 साल से भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है. चाहे कश्मीर में हमले हों या भारत के दूसरे हिस्सों में साजिश, इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ अक्सर सामने आता है. 2024 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया था. क्यों? क्योंकि वहां बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं और 150 से ज्यादा आतंकी संगठन खुलेआम काम कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी इन संगठनों को ब्लैकलिस्ट किया हुआ है.

पांच तरह के आतंकी संगठन

पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को पांच हिस्सों में बांटा जा सकता है.

वैश्विक आतंकी: जैसे अल-कायदा, जो पूरी दुनिया में हमले करते हैं.
अफगानिस्तान पर हमला: तालिबान और हक्कानी नेटवर्क, जो अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं.
कश्मीर फोकस: लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन, जो सिर्फ कश्मीर में आतंक फैलाते हैं.
पाकिस्तान के अंदर हमले: कुछ संगठन अपने ही देश में दहशत फैलाते हैं.
शिया विरोधी: ये संगठन शिया मुस्लिम इलाकों को निशाना बनाते हैं.

कश्मीर पर क्यों है नजर?

पाकिस्तान के ज्यादातर आतंकी संगठनों का एक ही मकसद है, कश्मीर में अशांति फैलाना. इसके लिए पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 15 से ज्यादा ट्रेनिंग कैंप और 25 से ज्यादा लॉन्च पैड चल रहे हैं. इन कैंपों में आतंकियों को हथियार चलाने और हमले करने की ट्रेनिंग दी जाती है. हाल ही में पहलगाम में हुए हमले में 26 बेकसूर पर्यटकों की जान गई, और इसके पीछे TRF (द रेजिस्टेंस फोर्स) का हाथ था. TRF असल में लश्कर-ए-तैयबा का एक छिपा हुआ संगठन है, जिसे ISI की मदद से चलाया जा रहा है.

आतंक के बड़े चेहरे

पाकिस्तान ने कई कुख्यात आतंकियों को पनाह दी है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद,जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर, भारत का मोस्ट वांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम,सैफुल्ला कश्मीरी शामिल हैं. पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है यह बात साल 2011 में अमेरिका ने खुद बता दिया था. उस वक्त ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में ठोका गया था.

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ISI और पाक फौज का खेल

पाकिस्तान में असल सत्ता चुनी हुई सरकार के पास नहीं, बल्कि वहां की फौज और ISI के पास है. ये दोनों मिलकर आतंकी संगठनों को पैसा, हथियार और पनाह देते हैं. PoK में आतंकी कैंप चलाने से लेकर आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने तक, सब ISI की देखरेख में होता है. इतना ही नहीं, जब दुनिया पाकिस्तान से सवाल करती है, तो वो साफ मुकर जाता है. जैसे पहलगाम हमले में तीन आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत भारत ने दिए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा, “हमें कुछ नहीं पता.”

आतंक की वजह से बर्बादी की कगार पर

पाकिस्तान का ये आतंक प्रेम अब उसी के लिए मुसीबत बन चुका है. आतंक को पालने-पोसने की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. देश कर्ज में डूबा है और आतंकवाद ने वहां की जनता का जीना मुहाल कर दिया है. फिर भी, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. वो दुनिया से कहता है कि वो खुद आतंक का शिकार है, लेकिन हकीकत सब जानते हैं.

आतंकी कैंपों पर भारत की नजर

भारत लगातार PoK के आतंकी कैंपों पर नजर रखे हुए है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया को सबूत दिए, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा है. लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान कभी सुधरेगा? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, “दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं.” और जब पड़ोसी पाकिस्तान हो, तो सतर्क रहना ही एकमात्र रास्ता है.

पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बना हुआ है, और उसका सबसे बड़ा टारगेट कश्मीर है. ISI और फौज की शह पर आतंकी संगठन खुलेआम काम कर रहे हैं. भारत को सावधान रहते हुए दुनिया के साथ मिलकर इस आतंक के खिलाफ कड़ा कदम उठाना होगा.

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