सायरन बजते ही जम्मू-कश्मीर,गुजरात समेत 6 राज्यों में ब्लैक आउट; पाकिस्तान से सटे स्टेट्स में मॉक ड्रिल

ये मॉक ड्रिल ऑपरेशन शील्ड के तहत ये दूसरी बार अभ्यास किया गया है. सायरन बजते की कई इलाकों में ब्लैक आउट किया गया. इस दौरान घायलों को बचाना, आग लगने पर फायर ब्रिगेड समेत कई अन्य रिस्पॉन्स किए गए. मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को जागरुक किया गया.
A blackout was imposed in Gujarat during the mock drill.

मॉक ड्रिल के दौरान गुजरात में ब्लैक आउट किया गया.

Mock Drill: पाकिस्तान से सटे गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर 6 राज्यों में मॉक ड्रिल किया गया. ये मॉक ड्रिल ऑपरेशन शील्ड के तहत ये दूसरी बार अभ्यास किया गया है. सायरन बजते की कई इलाकों में ब्लैक आउट किया गया. इस दौरान घायलों को बचाना, आग लगने पर फायर ब्रिगेड समेत कई अन्य रिस्पॉन्स किए गए. मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को जागरुक किया गया. साथ ही युद्ध के दौरान किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, उसकी भी जानकारी दी गई.

ये मॉक ड्रिल 29 मई को निर्धारित की गई थी लेकिन स्थगित हो जाने के बाद 31 मई को मॉक ड्रिल किया गया.

पाकिस्तान ने इन्हीं राज्यों को निशाना बनाया था

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने सीम से सटे कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान को ही सबसे ज्यादा निशाना बनाया था. ऐसे में सरकार पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में रहने वाले लोगों को युद्ध की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना चाहती है. ये ट्रेनिंग इसलिए दी जा रही है कि युद्ध की स्थिति होने पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. कुछ जानकारों का मानना है कि ये साइकोलॉजिकल रूप से भी पाकिस्तान को बताने की कोशिश है कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है.

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7 मई को 244 जिलों में हुई थी मॉक ड्रिल

6 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों का सफाया किया था. इसके अगले ही दिन यानी कि 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हुई थी. इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी गई. 7 मई को देश के 244 शहरों में 12 मिनट ब्लैकआउट किया गया था. उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था और बड़े युद्ध की आशंका जताई जा रही थी.

इस तरह दी जाती है ट्रेनिंग

देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी. ये वो समय था, जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध हुआ था और युद्ध के दौरान ही ये मॉक ड्रिल हुई थी.

मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा. हमले के समय नागरिकों को खुद की सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है. मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैक आउट होता है. लोगों को जगह खाली करने और सुरक्षित स्थान पर जाने की ट्रेनिंग दी जाती है.

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