पनीर फैक्ट्री के केमिकल वाले पानी से बंजर हो रहे जमीन, बदबू से लोग हो रहे बेहोश, अब पंचायत ने सुनाया फरमान
कैमिकल वाले पानी से लोग परेशान
Durg News: छत्तीसगढ़ में अपने प्रोडक्ट को 100 प्रतिशत शुद्द बताने वाली कैवल्य फ्रेश फैक्ट्री के खिलाफ कपसदा गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने इसे लेकर पंचायत में बैठक बुलाई और फरमान सुनाया है कि फैक्ट्री मालिक या तो कैमिकल युक्त पानी को बंद करे या फिर फैक्ट्री को बंद कर दे.
जमीन को बंजर बना रहा पनीर फैक्ट्री का कैमिकल वाले पानी
दरअसल श्री ऑर्गेनिक द्वारा संचालित कैवल्य फ्रेश फैक्ट्री में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट तैयार किये जाते हैं. यहां के मालिक प्रेयेश गुप्ता का दावा है कि उनके यहां खुद के डेयरी फार्म हैं और उनके प्रोडक्ट 100 प्रतिशत शुद्ध हैं. वहीं गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां कैमिकल के जरिए नकली पनीर बनाया जाता है.
बदबूदार पानी से बेहोश हो रहे लोग
गांव के लोगों ने यहां तक आरोप लगाया कि पनीर के प्रोसेस से निकले कैमिकल युक्त पानी को वो एक तालाब में स्टोर कर रहा है. बाद में इसे पास के तालाब में और आसपास के खेतों में छोड़ दिया जा रहा है. इससे तालाब का पानी बदबूदार हो गया और किसानों की जमीन भी बंजर हो जा रही है. इस समस्या को लेकर गांव वालों ने पंचायत में बैठक की.
कपसदा ग्राम पंचायत के सरपंच भूपेंद्र कुंवर का कहना है कि यहां जो पनीर फैक्ट्री है उसमें से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है. इससे निकलने वाली बदबू से लोग परेशान है। उनके द्वारा तलाब में गंदा कैमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है। इससे लोग बीमार हो रहे हैं। किसानों की जमीन बंजर हो रही है। इसलिए इस फैक्ट्री को स्थिति सुधारने का एक महीने का समय दिया गया है।
पनीर उत्पादन का हो रहा विरोध ग्रामीणों ने फैक्ट्री के अंदर बनने वाले पनीर के प्रोसेस का विरोध किया है। जब फैक्ट्री के मालिक प्रियेश गुप्ता ने उत्पादन बंद ना करने की बात कही तो पंचायत ने निर्णय लिया कि वो 30 जून तक फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी का भराव खत्म करें और जो बदबू निकल रही है उसको बंद करें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें पनीर का उत्पादन पूरी तरह से बंद करना होगा.
कैमिकल युक्त पानी ले जाते पकड़ाया टैंकर
ग्रामीणों का आरोप है कि कैवल्य फ्रैश फैक्ट्री से रात में टैंकर में भरकर कैमिकल युक्त पानी निकलता है। टैंकर चालक उसे सुनसान जगह ले जाकर किसान के खेत में छोड़ देता है। इससे उनकी जमीन बंजर हो जा रही है। इसको लेकर किसानों ने रात में निगरानी शुरू की।
इसी दौरान दो दिन पहले गांव के लोगों ने बाइक से दौड़ाकर एक टैंकर को पकड़ा और कुम्हारी पुलिस के हवाले किया। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि वो फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को लेकर दूर छोड़ने जा रहा था.
फैक्ट्री मालिक ने कहा- उनके खुद के डेयरी फार्म
कैवल्य फ्रैश के मालिक प्रियेश गुप्ता का कहना है कि फैक्ट्री में दूध, दही, पनीर और घी का उत्पादन हो रहा है. फैक्ट्री से ट्रीटमेंट के बाद जो पानी निकलता है वो बगल के खेत में भरा जाता है. अधिक समय तक जमा रहने से उस पानी से बदबू आने लगी है. गांव वालों को आश्वासन दिया गया है कि वो एक महीने के अंदर पानी को वहां से हटाएंगे और बदबू नहीं आएगी इसकी गारंटी ली जा रही है.
प्रयेश गुप्ता का कहना है कि उनके खुद के डेयरी फार्म कलेक्शन सेंटर हैं. वहां से वो दूध अपना फैक्ट्री तक लाते हैं और शुद्ध दूध पैकिंजिंग, दही, पनीर और घी को प्रोसेस करके बनाने हैं. कैमिकल युक्त पानी होने का आरोप गलत है. फूड विभाग भी इसकी जांच कर चुका है. जांच में पूरे सैंपल सही पाए गए हैं.