भतीजे अजित को ‘करारा जवाब’ देने की तैयारी में शरद पवार, 83 साल की उम्र में करेंगे पूरे महाराष्ट्र का दौरा, युवाओं पर होगी नज़र
Maharashtra Politics: NCP का नाम और निशान पाने के बाद से अजित पवार फुल चुनावी मोड में हैं. सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को बारामती के मैदान से उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच अपनी ही पार्टी छिन जाने के बाद शरद पवार ने बारामती में एक भावनात्मक बयान दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग होने पर इसके संस्थापक शरद पवार शनिवार को भावुक हो गए.उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि जिन लोगों ने राजनीतिक पार्टी बनाई, उन्हें उनके ही संगठन से हटा दिया गया.
हमने सुप्रीम कोर्ट का दवराजा खटखटाया है: शरद पवार
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा, “इतना ही नहीं, पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छीन लिया गया. यह निर्णय कानून के अनुरूप नहीं था. पार्टी और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग और राष्ट्रपति ने जो कदम उठाया है, वह हमारे लिए उचित नहीं है.” उन्होंने कहा, “हमने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हमें जनता तक पहुंचने की आवश्यकता है.”
बारामती में एनसीपी बनाम एनसीपी लड़ाई की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “वह यह कहकर लोगों को भावुक कर रहे हैं कि परिवार एक तरफ है और वह दूसरी तरफ अकेले हैं. बारामती लोकसभा क्षेत्र में जो चीजें कभी नहीं हुईं, वे अब हो रही हैं.”
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“मैंने अबतक 14 चुनाव लड़े, उनमें पांच अलग-अलग चुनाव चिन्ह”
बता दें कि शरद पवार दो दिनों में दो बार पार्टी और परिवार में दरार पर बात की है. इससे पहले उन्होंने सतारा में कहा था कि मैंने अब तक जो 14 चुनाव लड़े हैं, उनमें से पांच में अलग-अलग चुनाव चिन्ह थे. पहले बैलों की जोड़ी थी, फिर गाय-बछड़ा आया, फिर ‘चरखा’ चिन्ह आया, फिर हाथ चिन्ह आया और फिर घड़ी आई. हमने अलग-अलग चुनाव चिन्ह देखे हैं. इसलिए, अगर कोई सोचता है कि निशान को हटाने का मतलब है कि संगठन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, तो ऐसा नहीं है.
हर किसी को चुनाव में खड़े होने का अधिकार: पवार
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव में खड़े होने का अधिकार है. यदि कोई उस अधिकार का प्रयोग कर रहा है तो उसके बारे में शिकायत करने का कोई कारण नहीं है. हमें अपना पक्ष जनता के सामने रखना चाहिए. लोग जानते हैं कि हमने पिछले 55-60 वर्षों में क्या किया है. हम महाराष्ट्र की जनता तक जाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के युवा नेता बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं जो अगले पांच वर्षों तक राज्य में आम लोगों के मुद्दों पर काम कर रहे हैं.
सत्ता अस्थायी है लेकिन विचारधारा और विचार स्थायी-पवार
शरद पवार ने कहा, “कुछ लोगों ने विचारधारा छोड़ दी और अलग रुख अपना लिया. मैं ऐसे नेताओं को बताना चाहता हूं कि सत्ता अस्थायी है लेकिन विचारधारा और विचार स्थायी हैं. उन्होंने कहा कि वे विकास के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो रहे हैं, लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है. ” उन्होंने कहा कि भारत ने संसदीय लोकतंत्र को अपनाया है और लोगों के लिए काम करने के लिए राजनीतिक नेताओं को सत्ता में रहने की जरूरत नहीं है. शरद पवार ने आगे कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने कई साल विपक्ष में बिताए लेकिन इसने उन्हें अपनी पार्टी या अपनी विचारधारा बदले बिना देश की सेवा करने से नहीं रोका.”