Chhattisgarh News: सरकार बदलते ही कुख्तात नक्सली हिड़मा के गांव में बना सुरक्षा कैंप, नकेल कसने की कोशिश, सरकारी योजनाओं पर जोर
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ने बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सली विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. अब जवानों को उस इलाके में कैंप स्थापित करने में सफलता मिली है, जहां नक्सलियों के दबदबे वाले इलके में आम आदमी भी जाने से डरते हैं.
इस इलाके में राज्य के सबसे बड़े नक्सली लीडर हिड़मा का गांव है. जिसके ऊपर 25 लाख इनाम है. हाल ही में टेकलगुड़ा नक्सली मुठभेड़ का मास्टरमाइंड देवा भी इसी गांव का रहिने वाला है. देवा पर 10 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है. इसी इलाके में जवानों को कैंप खोलने में सफलता मिली है.
जनता की सुविधाओं पर जोर
दरअसल, बस्तर संभाग में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा उपल्बध कराने पर जोर दिया जा रहा है. इनमें सड़क, पुल-पुलिया, बिजली आपूर्ति, राशन दुकान, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा के काम शामिल है. 16 फरवरी को बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र के पूवर्ती गांव में CRPF/STF/CoBRA/DRG/Bastar Fighter और स्थानीय पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से नया सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है.
पूवर्ती गांव में कैंप की स्थापना के दौरान सीआरपीएफ 150वीं वाहिनी/CRPF/STF/CoBRA/DRG/Bastar Fighter की संयुक्त पार्टी कैंप के आसपास क्षेत्र में लगातार सर्चिंग की जा रही है. ये जगह जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 120 कि.मी. दूर है. इस इलाके में नक्सलियों के PLGA बटालियन क्रमांक 1 के पूर्व कमांडर हिड़मा और वर्तमान के कमांडर बारसे देवा दोनों का गांव है.
आईजी बोले- सरकारी योजना का लाभ मिलना तय
कैंप खुलने के बाद बस्तर रेंज के आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया कि पूवर्ती जैसे दूरस्थ और घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा कैंप स्थापित करने से क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को नक्सल आतंक से मुक्ति मिलेगी. शासन की अनेक प्रकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जा सकेगा. पिछले एक सप्ताह में जिला सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र के गांव गुंडम और पूवर्ती में कैंप स्थापना किया गया है.
गौरतलब है कि नवंबर 2023 से अब तक बीजापुर, सुकमा और कांकेर में 14 कैंप स्थापित किए गए है. इसमें बीजापुर जिले से पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी और गुंडम है. इसी तरह जिला सुकमा में मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम और पूवर्ती में कैंप बनाए गए है. इसके अलावा कांकेर जिला में पानीडोबीर में भी कैंप तैयार करने में सफलता मिली है.