MP News: दतिया में बारिश के बाद प्लास्टिक में किया गया अंतिम संस्कार, 78 सालों में नहीं बन सका मुक्ति धाम, Video

आजादी के 78 साल बाद भी गांव में एक मुक्ति धाम नहीं बन पाया है. जिसके कारण बारिश में अगर किसी की मौत हो जाए तो ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए परेशान होते हैं.
Even after 78 years of independence, a cremation ground has not been built in the village in Datia district.

दतिया जिले में आजादी के 78 साल बाद भी गांव में श्मशान घाट नहीं बन सका है.


Funeral In The Rain: मध्यप्रदेश के दतिया जिले से अजब-गजब तस्बीर सामने आई है. यहां सिस्टम की लापरवाही व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है. मौत के बाद व्यक्ति के शव को मुक्ति के लिए प्लास्टिक का सहारा लेना पड़ता है. एक महिला की मौत के बाद प्लास्टिक लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा. ये पहला मामला नहीं है, यहां अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को हमेशा परेशानी होती है. 78 सालों में यहां मुक्ति धाम नहीं बन सका है.

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला

पूरा मामला भांडेर ब्लॉक की अस्टोट ग्राम पंचायत के मुरिया गांव का है. यहां अवध कुंवर नाम की एक महिला की मौत हो गई थी. लेकिन बारिश के कारण महिला के शव प्लास्टिक के सहारे अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा. गांव वालों का कहना है कि ये यहां की आम समस्या है. बारिश के मौसम में अगर किसी की मौत हो जाए तो शव को ‘बरसाती पॉलीथिन’ में ही लेकर जाना पड़ता है.

78 सालों में नहीं बन पाया श्मशान घाट

आजादी के 78 साल बाद भी गांव में एक मुक्ति धाम नहीं बन पाया है. जिसके कारण बारिश में अगर किसी की मौत हो जाए तो ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए परेशान होते हैं. प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों का लम्बे समय तक शासन रहा है. दोनों दल प्रदेश में विकास के लम्बे चौड़े वादे करते हैं लेकिन असल तस्वीर बहुत भयावह है. विकास की बात छोड़िए मुरिया ग्राम में श्मशान घाट तक नहीं है. फिलहाल गांव में मुक्ति धाम नहीं होने के संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव ने मुक्ति धाम का एस्टीमेट तैयार होने की बात कही है.

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