12 दिन, 900 ठिकाने और कई जख्म…इजरायल ने बताया कैसे ईरान को किया पस्त?

इस जंग के दौरान इजरायल की नजर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पर भी थी. इजरायल के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वे खामेनेई को भी 'खत्म' कर देते, लेकिन ऐसा अवसर उन्हें मिल नहीं पाया.
Iran Israel War

12 दिनों तक चली इजरायल और ईरान में जंग

Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग भले ही थम गई हो, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बरकरार है. हाल ही में इजरायल की सेना (IDF) ने दावा किया है कि उन्होंने अपने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के दौरान ईरान के अंदर 900 से ज़्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए थे. ये 12 दिनों की जंग इतनी भयंकर थी कि सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने बताया कि उनके ऑपरेशन में ईरान को भारी नुकसान हुआ. उन्होंने 900 से ज़्यादा ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया, जिनमें कई मिसाइल लॉन्चर भी शामिल थे. IDF का दावा है कि उन्होंने ईरान के लगभग आधे मिसाइल लॉन्चर को तबाह कर दिया. इसके साथ ही, इजरायली हमलों में ईरान के विमान और मिसाइल बनाने वाले ठिकाने भी नष्ट हो गए, जिससे हजारों अतिरिक्त मिसाइलों का उत्पादन रुक गया.

11 वैज्ञानिक भी मारे गए

इजरायल के इस ऑपरेशन में सिर्फ ठिकानों को ही निशाना नहीं बनाया गया, बल्कि ईरान के कई बड़े अधिकारी भी मारे गए. IDF के मुताबिक, इस दौरान 11 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और तीन शीर्ष कमांडरों सहित 30 वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ढेर हो गए. इससे पहले इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स और ईरानी वायु सेना के प्रमुख की मौत की भी खबरें आई थीं, जिससे ईरान को बड़ा झटका लगा.

खामेनेई पर इजरायल की नजर

इस जंग के दौरान इजरायल की नजर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पर भी थी. इजरायल के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वे खामेनेई को भी ‘खत्म’ कर देते, लेकिन ऐसा अवसर उन्हें मिल नहीं पाया.

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अमेरिका की एंट्री

12 दिनों की इस खूनी जंग में अमेरिका की भी एंट्री हुई. 22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 30,000 पाउंड वजन वाले ‘बंकर बस्टर’ बमों से हमला कर दिया. इसके जवाब में ईरान भी चुप नहीं बैठा. उसने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागकर पलटवार किया. कुल मिलाकर, ईरान और इजरायल के बीच यह 12 दिवसीय संघर्ष दोनों देशों के लिए बेहद विनाशकारी रहा. हालांकि, जंग थम गई है, लेकिन अंदर ही अंदर बदले की आग अभी भी धधक रही है.

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