मासूम सा पालतू जानवर, छिपाए बैठा है आपकी कब्र खोदने वाली बीमारी! ज़रा सी चूक पड़ेगी भारी

बात करें आम ज़ूनोटिक बीमारियों की, तो रेबीज का खतरा अभी भी बरकरार है. बागपत जिले में ही हर दिन 250 से ज़्यादा लोग सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं. अगर निजी अस्पतालों के आंकड़े भी मिला दें, तो यह संख्या 400 के पार पहुंच जाती है.
World Zoonoses Day

प्रतीकात्मक तस्वीर

आज, 6 जुलाई को विश्व ज़ूनोसिस दिवस (World Zoonoses Day) मनाया जा रहा है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि भले ही हम जानवरों से कितना भी प्यार करें, उनसे जुड़ी कुछ लापरवाहियां हमें गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती हैं.

ज़ूनोसिस (Zoonosis) कोई नया शब्द नहीं है. ये वो बीमारियां हैं जो जानवरों से इंसानों में और फिर इंसानों से वापस जानवरों में फैल सकती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि 75% नई या उभरती हुई बीमारियां जानवरों से ही आती हैं. इबोला, बर्ड फ्लू और वेस्ट नाइल वायरस जैसी कई खतरनाक बीमारियां इसी श्रेणी में आती हैं.

कैसे फैलती हैं ये बीमारियां?

ज़ूनोटिक बीमारियां बैक्टीरिया, वायरस या परजीवियों के कारण हो सकती हैं. ये सीधे संपर्क में आने से, या फिर दूषित भोजन, पानी या हमारे आस-पास के वातावरण के ज़रिए भी फैल सकती हैं. हाल ही में हमने कोरोना वायरस को देखा, जिसके बारे में कई रिपोर्टों में कहा गया है कि यह चमगादड़ों से इंसानों में फैला था. एचआईवी और साल्मोनेलोसिस जैसी बीमारियां भी पहले ज़ूनोसिस के रूप में ही शुरू हुई थीं, और बाद में खतरनाक रूप ले लिया.

डॉ. विजय कुमार बताते हैं कि 150 से भी ज़्यादा ज़ूनोटिक बीमारियां हैं. इनमें बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला, निपाह, रेबीज, ब्रुसेलोसिस, लेप्टोस्पाइरोसिस और साल्मोनेलोसिस प्रमुख हैं. कुछ बीमारियां सीधे संपर्क से फैलती हैं, तो कुछ कुत्ते, बिल्ली, गाय, बकरी, चमगादड़, घोंघा, चिचड़ी, मछली, सुअर, मुर्गी और घोड़े जैसे जानवरों के ज़रिए.

यह भी पढ़ें: Health Tips: सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद, आप भी अपनाएं ये 5 तरीके

रेबीज का आतंक

बात करें आम ज़ूनोटिक बीमारियों की, तो रेबीज का खतरा अभी भी बरकरार है. बागपत जिले में ही हर दिन 250 से ज़्यादा लोग सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं. अगर निजी अस्पतालों के आंकड़े भी मिला दें, तो यह संख्या 400 के पार पहुंच जाती है. यह आंकड़ा दिखाता है कि हमें जानवरों के साथ कितनी सावधानी बरतनी चाहिए.

खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

अपने बच्चों को समय पर सभी टीके लगवाएं.

अगर आपके घर में पालतू जानवर हैं, तो उनका टीकाकरण पशु चिकित्सालयों में ज़रूर करवाएं. यह सुविधा आसानी से उपलब्ध है.

आवारा या जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें. यदि कोई जानवर काट ले या खरोंच दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

जानवरों से प्यार करना अच्छी बात है, लेकिन उनके साथ समझदारी से पेश आना और ज़रूरी सावधानियां बरतना हमें और उन्हें, दोनों को स्वस्थ रख सकता है.

ज़रूर पढ़ें