MP: इंदौर में 3 साल की बच्ची को संथारा दिलाने पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने गृह मंत्रालय और मानव अधिकार आयोग से जवाब मांगा
3 साल की बच्ची को संथारा दिलाने के मामले में हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.
Hearing in HC on granting Santhara: इंदौर में 5 मई को तीन साल की बच्ची को जैन धर्म की परंपरा के अनुसार संथारा दिए जाने के मामले में दर्ज याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय, 6 से ज्यादा केंद्रीय और प्रदेश सरकार के सचिवों, इंदौर संभागायुक्त, इंदौर कलेक्टर को प्रतिवादी मानते हुए नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय, मानव अधिकार आयोग, मध्यप्रदेश के चीफ सेकेट्री सहित इंदौर संभागायुक्त, इंदौर कलेक्टर से जवाब तलब किया है. साथ ही दो हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
जैन संत ने कही थी संथारा देने की बात
इंदौर के एक जैन परिवार की बच्ची लगातार बीमार चल रही थी. जिसका उपचार भी अस्पताल में जारी था. लेकिन बच्ची के परिजनों की जैन संत में आस्था थी, जहां जैन संत ने बच्ची को जैन समाज की परंपरा के मुताबिक संथारा देने की बात कही और बताया कि बच्ची आज का दिन बमुश्किल जी पाएगी. जिसके बाद परिजनों ने बच्ची को संथारा दिलवाया था. जिसमें मात्र तीन घंटे बाद बच्ची की मृत्यु हो गई थी.
याचिका कर्ता ने कई जगह की शिकायत
इस मामले में प्रांशु जैन नामक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्रालय और मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी. जब कोई जवाब नहीं मिला तो इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जहां हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय, मानव अधिकार आयोग, मध्यप्रदेश के चीफ सेकेट्री सहित इंदौर संभागायुक्त, इंदौर कलेक्टर से जवाब तलब किया है और दो हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता का आरोप है कि जो बच्ची चॉकलेट का बॉक्स नहीं पहचान सकती, वह संथारा लेने का निर्णय कैसे ले सकती है. वहीं याचिकाकर्ता की और से बच्ची के माता-पिता और टेक्सास की संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को भी नोटिस जारी किया है. इस तरह की परंपरा को बढ़ावा देने के मामले में नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है.