MP: सरकारी अस्पताल में ब्लड ना मिलने से मासूम की मौत, करंट लगने के बाद जुड़वा भाइयों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था

एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ अशोक यादव का कहना है कि ब्लड बैंक कभी बंद नहीं होता है, 24 घंटे चालू रहता है. हालांकि किसी मरीज को ब्लड चढ़ाने के लिए उसे तैयार करने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है
Symbolic Picture.

सांकेतिक तस्वीर.

Twins died due to electric shock: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदौर के एमवाय अस्पताल में खून नहीं मिलने की वजह से एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गई. बच्चे के लिए खून की जरूरत पड़ने पर डॉक्टर ने उसके पिता को ब्लड बैंक से खून लाने को कहा था, सुबह 8 बजे जब पिता ब्लड बैंक पहुंचा तो गार्ड ने उसे साढ़े 9 बजे ब्लड बैंक खुलने का कहकर वापस भेज दिया. तकरीबन आधा घंटा इंतजार करने के बाद पिता वापस बेटे के पास लौट तो डॉक्टर्स उसे पंप कर बचाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन सही समय पर ब्लड नहीं मिलने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. उसके कुछ घंटों बाद उसके जुड़वा भाई ने भी दम तोड़ दिया. जुड़वा भाइयों को हाई टेंशन की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए पीथमपुर से इंदौर के एमवाय अस्पताल लाया गया था. बिजली कंपनी की लापरवाही से कैसे यह दर्दनाक हादसा हुआ और एमवाय अस्पताल के सिस्टम को जानने के लिए विस्तार न्यूज की टीम अस्पताल में पहुंची.

छत पर खेलते समय बिजली के तार में चिपक गए थे

आकाश और विकास 4 साल के थे. मां अंतिमा और पिता पवन पीथमपुर की फैक्ट्री में काम करते हैं. 8 तारीख को भी माता-पिता अपनी 11 साल की बेटी सुमन के पास जुड़वा भाइयों आकाश विकास को छोड़कर गए थे. सुमन घर में काम कर रही थी और दोनों भाई छत पर खेलने चले गए. छत के नजदीक से जा रही बिजली की लाइन पर दोनों ने सरिया डाल दिया, जिसके बाद दोनों वहीं चिपक गए. तकरीबन 20 मिनट तक दोनों करंट से चिपके रहे और बुरी तरह से घायल हो गए. छत पर ही दोनों भाई ईंटों का घर बनाकर उसमें खेल रहे थे. करंट लगने की वजह से छत से बाहर निकल रहे सरिए भी पिघल गए.

’30 हजार ना देने पर बिजली लाइन छत से नहीं हटाई’

जिस मकान में आकाश विकास अपने माता पिता के साथ किराए से रहते थे उसकी छत के सामने से निकल रहे बिजली के तार को दूर करने की मकान मालिक ने बात कही थी, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने इससे 30 हजार रुपए की मांग कर डाली, लेकिन मकान मालिक रुपए नहीं दे सका. बाद में बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने 15 हजार रुपए लेकर तार में प्लास्टिक के पाइप डाल दिए. लेकिन वे पाइप भी उस मकान को पूरा कवर नहीं कर रहे थे. लिहाजा आकाश-विकास दोनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए.

दूसरे दिन डॉक्टर ने खून लाने को कहा

गंभीर घायल अवस्था में दोनों भाइयों को पहले पीथमपुर के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनकी नाजुक हालत देखते हुए उन्हें एमवाय ले जाया गया. पहले दिन दोनों को ब्लड चढ़ाया गया, दूसरे दिन आकाश की तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर ने खून लाने को कहा, पिता पवन ब्लड बैंक पहुंचा तो सिक्योरिटी गार्ड ने साढ़े 9 बजे ब्लड बैंक खुलने की बात कही, लेकिन 9 बजे आकाश की मौत हो गई. दिन भर पिता आकाश का अंतिम संस्कार करने में जुटा रहा और रात में विकास की भी मौत हो गई. डॉक्टर द्वारा ब्लड लाने के लिए जो पर्ची लिखी गई थी वो अब भी पवन के पास मौजूद है. अपने दोनों बेटों को एक साथ खोने के बाद मां अंतिमा का रो रोकर बुरा हाल है. अपने बच्चों की मोबाइल में तस्वीर देखते हुए रोते रोते उन्हें लोरी सुनाने लग जाती हैं.

अस्पताल प्रशासन बोला- 24 घंटे ब्लड बैंक खुला रहता है

वहीं एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ अशोक यादव का कहना है कि ब्लड बैंक कभी बंद नहीं होता है, 24 घंटे चालू रहता है. हालांकि किसी मरीज को ब्लड चढ़ाने के लिए उसे तैयार करने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है. दोनों बच्चों को जो ब्लड चढ़ाया गया था, उसके बारे में अधीक्षक ने कागजात प्रस्तुत किए हैं.

दोनों मासूम बड़ी बहन के साथ खेलते थे

आकाश और विकास दोनों बड़े प्यारे बच्चे थे. माता-पिता के काम पर जाने के बाद दोनों भाई अपनी बड़ी बहन सुमन के साथ रहते थे और वहीं पड़ोस में दिन भर खेलते रहते थे. पूरे मोहल्ले के दोनों भाई लाड के थे, किसी के भी घर में खाना खा लेते थे. उनके जाने का गम पूरे मोहल्ले को है.

अधिकारी बोले- बिजली लाइन शिफ्ट करवाएंगे

आकाश और विकास तकरीबन 20 मिनट तक बिजली की लाइन से चिपके रहे. इनकी मौत होने के बाद बिजली कंपनी के अधिकारी मौके का निरीक्षण करने पहुंचे. बिजली कंपनी के अधिकारी अब परिवार की आर्थिक सहायता करने की बात कह रहे हैं. साथ ही यह भी मान रहे हैं कि बिजली लाइन पुरानी है, मकान बाद में बने है, इसमें कंपनी की कोई गलती नहीं है. अब लाइन शिफ्ट करवाएंगे.

पुलिस ने मामला दर्ज किया

पट्टे की जमीन पर लोग अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, लेकिन पीथमपुर नगर परिषद के जिम्मेदार उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. पीथमपुर वार्ड 1 के पार्षद भी हादसे के बाद मौके पर पहुंचे.

दोनों भाइयों की मौत के मामले में एमवाय पुलिस चौकी में मामला दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच पीथमपुर के सेक्टर 1 थाने पर भेज दी है.

बिहार का रहने वाला था परिवार

आकाश विकास का पिता पवन मूलतः बिहार के चंपारण जिले का रहने वाला है. गरीब होने की वजह से पत्नी समेत पीथमपुर की फैक्ट्री में काम करता है. परिवार कमरे के मकान में रहता है। बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाना चाहता था, उसके लिए उनके जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र हाथ में आने से पहले बच्चों की जान चली गई.

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