Indore: सरकारी दफ्तरों में लगेंगे प्रीपेड मीटर, 10 हजार से ज्यादा कनेक्शन बदलने की तैयारी
प्रीपेड बिजली मीटर (फाइल तस्वीर)
Indore News: मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड प्रीपेड मीटर की नई व्यवस्था लागू कर रही है. इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से होगी, जहां का बिजली बिल कई सालों तक बकाया रहता है. इस नई व्यवस्था से जितने रुपए से मीटर रिचार्ज किया जाएगा, उतनी ही बिजली मिलेगी. ये व्यवस्था अगस्त से लागू करने की योजना है, फिलहाल तारीख तय नहीं है. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद नई व्यवस्था प्रीपेड मीटर की हो रही है.
10 पैसे प्रति यूनिट की विशेष छूट मिलेगी
इसके तहत सबसे पहले कुछ चुनिंदा सरकारी दफ्तरों में ये व्यवस्था यानी प्रीपेड मीटर लगेंगे. अधिकारियों का कहना है कि सरकारी दफ्तरों के बिल अक्सर पेंडिंग रहते हैं. कई सरकारी बंगलों और दफ्तरों ने दो से तीन साल का बिल नहीं भरा है. कंपनी ने पहले ही सभी बड़े शहरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए हैं. ऐसे में प्रीपेड व्यवस्था में बिजली कंपनी को आसानी होगी. प्रीपेड व्यवस्था में संबंधित उपभोक्ता को 25 पैसे यूनिट की विशेष छूट दी जाएगी.
10 हजार कनेक्शन प्रीपेड होंगे
कंपनी के CGM प्रकाश चौहान के मुताबिक पहले चरण में इंदौर शहर के करीब 1450 और कंपनी क्षेत्र के 10 हजार से ज्यादा शासकीय कनेक्शनों को प्रीपेड किया जाएगा. बिजली कंपनी को इन कनेक्शनों का फिलहाल दो माह का अग्रिम बिल भुगतान हो जाएगा. अग्रिम बिल भुगतान के लिए राज्य के वित्त मंत्रालय ने सभी जिलों को सूचना भेज दी है. मौजूदा खपत के आधार पर राशि हर बार ली जाएगी.
इमरजेंसी सेवा शामिल नहीं
प्रीपेड बिजली कनेक्शन में अस्पताल, थाने, जलप्रदाय से संबंधित विभाग शामिल नहीं किए गए हैं. निजी कनेक्शनों पर बाद में विचार होगा. जिले में 7 लाख 85 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से 5.50 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. प्रीपेड बिजली की व्यवस्था वैकल्पिक रहेगी. उपभोक्ता चाहे तो मंथली बिलिंग सिस्टम के स्थान पर प्रीपेड के विकल्प पर भी जा सकते हैं. ऐसे उपभोक्ता, जो महीने में कई दिन घर से बाहर रहते हैं या घर में बिजली का उपयोग कम होता है. उनके लिए प्रीपेड सिस्टम फायदेमंद रहेगा.
अगले महीने प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश
बिजली कंपनी के एमडी अनूप कुमार सिंह का कहना है, शासन के निर्देश पर बिजली कंपनी की स्मार्ट मीटर, सूचना प्रौद्योगिकी और कमर्शियल टीमें प्रीपेड बिजली बिलिंग, वितरण की तैयारी कर रही हैं. पहले चरण में सिर्फ चुनिंदा शासकीय विभागों के कार्यालयों को प्रीपेड बिजली वितरण व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है. अगस्त तक सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.