बिना विदेशी फ्लाइट के पटना एयरपोर्ट इंटरनेशनल कैसे? BJP सांसद ने अपनी ही सरकार को घेरा

पटना एयरपोर्ट अब एक नए रंग-रूप में तैयार है. मई 2025 में पीएम मोदी ने यहां के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. 1,216 करोड़ रुपये की लागत से बना ये टर्मिनल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है. मिथिला कला और नालंदा के अवशेषों से प्रेरित इसका डिज़ाइन बिहार की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है.
BJP सांसद भीम सिंह

BJP सांसद भीम सिंह

Bhim Singh On Patna Airport: बिहार की राजधानी पटना का जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा आजकल चर्चा में है. लेकिन इस बार चर्चा की वजह कोई नई उड़ान या शानदार सुविधा नहीं, बल्कि इसका ‘अंतरराष्ट्रीय’ टैग है. दरअसल, बीजेपी सांसद भीम सिंह ने मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पटना एयरपोर्ट को लेकर अपनी ही गठबंधन सरकार को घेर लिया. सवाल यह है कि जब यहां से कोई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उड़ती ही नहीं, तो इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्यों कहा जाता है?

एक नाम, कई सवाल

पटना एयरपोर्ट का पूरा नाम है जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा. नाम सुनकर लगता है कि यहां से दुबई, सिंगापुर या कम से कम नेपाल की फ्लाइट्स तो उड़ती होंगी. लेकिन हकीकत? यहां से सिर्फ़ घरेलू उड़ानें ही संचालित होती हैं. बीजेपी सांसद भीम सिंह ने मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया और पूछा, “जब कोई अंतरराष्ट्रीय विमान यहां से उड़ता ही नहीं, तो ये अंतरराष्ट्रीय का तमगा क्यों?” उनके इस सवाल ने सोशल मीडिया से लेकर संसद तक हलचल मचा दी.

दरअसल, पटना एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय का दर्जा इसलिए मिला, क्योंकि यहां कस्टम्स सर्विस और इमिग्रेशन की सुविधाएं मौजूद हैं. साथ ही, 1999 तक यहां से काठमांडू नेपाल के लिए उड़ानें चला करती थीं. लेकिन उस साल इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण की घटना ने सब कुछ बदल दिया. इसके बाद नेपाल की उड़ानें बंद हो गईं, और तब से पटना का ‘अंतरराष्ट्रीय’ टैग सिर्फ़ नाम की शोभा बढ़ा रहा है.

पटना एयरपोर्ट की सबसे बड़ी कमज़ोरी है रनवे

पटना एयरपोर्ट की सबसे बड़ी कमज़ोरी है इसका रनवे. अभी यह 2,072 मीटर लंबा है, जो बड़े अंतरराष्ट्रीय विमानों के लिए छोटा पड़ता है. बड़े विमान, जैसे बोइंग 747 या एयरबस A320 को लैंड करने और उड़ान भरने के लिए कम से कम 2,500-3,000 मीटर लंबा रनवे चाहिए. इस कमी की वजह से न तो यहां बड़े विमान उतर सकते हैं और न ही लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो सकती हैं.

बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा था कि सिर्फ़ नाम से अंतरराष्ट्रीय कहलाने से कुछ नहीं होगा. एयरपोर्ट की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार की ज़रूरत है. बर्ड-हिट की घटनाएं भी यहां चिंता का विषय हैं, क्योंकि आसपास मांस-मछली की दुकानें पक्षियों को आकर्षित करती हैं.

नया टर्मिनल, नई उम्मीद

लेकिन निराश होने की ज़रूरत नहीं. पटना एयरपोर्ट अब एक नए रंग-रूप में तैयार है. मई 2025 में पीएम मोदी ने यहां के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. 1,216 करोड़ रुपये की लागत से बना ये टर्मिनल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है. मिथिला कला और नालंदा के अवशेषों से प्रेरित इसका डिज़ाइन बिहार की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है. ये टर्मिनल हर घंटे 4,500 यात्रियों को संभाल सकता है और सालाना 1 करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता है. नए टर्मिनल में 6 एयरोब्रिज, 11 विमान पार्किंग स्टैंड, मल्टी-लेवल पार्किंग और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकें हैं.

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क्या जल्द उड़ेंगी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स?

अच्छी खबर ये है कि पटना एयरपोर्ट से जल्द ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की योजना है. हाल की खबरों के मुताबिक, नेपाल, थाईलैंड और अन्य पड़ोसी देशों के लिए सीधी उड़ानें शुरू हो सकती हैं. लेकिन रनवे की लंबाई बढ़ाए बिना बड़े विमानों का संचालन मुश्किल है. इसके लिए फुलवारी शरीफ में रनवे को 9,000 फीट तक विस्तार करने की योजना पर काम चल रहा है.

बिहटा में बन रहा है नया एयरपोर्ट

पटना एयरपोर्ट की भीड़ और सीमाओं को देखते हुए बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर बिहटा में एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना रही है. 1,413 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ये एयरपोर्ट 66,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और सालाना 50 लाख यात्रियों को संभाल सकेगा. भविष्य में इसकी क्षमता 1 करोड़ तक बढ़ाई जा सकती है.

बिहटा एयरपोर्ट में 3,700 मीटर लंबा रनवे होगा, जो बड़े विमानों के लिए उपयुक्त है. यहां 10 विमान पार्किंग बे, एयरोब्रिज, और आधुनिक सुविधाएँ होंगी. खास बात ये है कि ये एयरपोर्ट पटना से 35 किमी दूर है और इसे दानापुर से जोड़ने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की लागत से एक एलिवेटेड रोड भी बन रही है.

हालांकि, बिहटा प्रोजेक्ट में भी कुछ अड़चनें हैं. रनवे विस्तार के लिए 190.50 एकड़ ज़मीन चाहिए, जिसके लिए शर्फुद्दीन गांव को दूसरी जगह बसाना होगा. स्थानीय किसान इसका विरोध कर रहे हैं, जिससे ज़मीन अधिग्रहण में देरी हो रही है. पटना एयरपोर्ट का ‘अंतरराष्ट्रीय’ नाम आज भले ही सवालों के घेरे में हो, लेकिन नया टर्मिनल और बिहटा एयरपोर्ट की योजना बिहार के लिए नई उम्मीदें लेकर आई हैं.

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