अनिल अंबानी के खिलाफ चला ED का ‘हंटर’, मुंबई में कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, SBI ने दिया था ‘फ्रॉड’ का तमगा!

कभी भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून में शुमार अनिल अंबानी आज मुश्किलों के भंवर में फंसते नजर आ रहे हैं. उनके भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज जहां आसमान छू रही है, वहीं अनिल अंबानी की कंपनियां, खासकर रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कैपिटल कर्ज के बोझ तले दब गई हैं.
Anil Ambani

अनिल अंबानी की कंपनियों में ईडी की छापेमारी

ED Raids: एक समय टेलीकॉम और बिजनेस की दुनिया में तहलका मचाने वाले अनिल अंबानी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह अच्छी नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी कंपनियों पर मुंबई में जोरदार छापेमारी शुरू की है, जिसने पूरे कारोबारी जगत में हड़कंप मचा दिया है. यह कार्रवाई तब हुई है, जब हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को ‘फ्रॉड’ घोषित किया है.

अनिल अंबानी का साम्राज्य

कभी भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून में शुमार अनिल अंबानी आज मुश्किलों के भंवर में फंसते नजर आ रहे हैं. उनके भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज जहां आसमान छू रही है, वहीं अनिल अंबानी की कंपनियां, खासकर रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कैपिटल कर्ज के बोझ तले दब गई हैं. एक समय में टेलीकॉम सेक्टर में धूम मचाने वाली RCom अब दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि अब इसमें नया मोड़ आया है.

यह भी पढ़ें: करोड़ों की घड़ियां, लग्जरी गाड़ियां और मंत्रालयों में VIP एंट्री का ‘काला खेल’…कैसे STF के हत्थे चढ़ा ‘फर्जी डिप्लोमैट’? उगले कई राज

SBI ने लगाया ‘फ्रॉड’ का ठप्पा

हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ डिक्लेयर किया. SBI का कहना है कि कंपनी ने 31,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन का गलत इस्तेमाल किया. बैंक ने पाया कि करीब 13,667 करोड़ रुपये का कर्ज दूसरी कंपनियों के कर्ज चुकाने में और 12,692 करोड़ रुपये संदिग्ध कंपनियों को ट्रांसफर करने में इस्तेमाल हुए, जो लोन की शर्तों के खिलाफ था. SBI ने इस मामले में अनिल अंबानी को भी जिम्मेदार ठहराया और उनके खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट दर्ज की. इतना ही नहीं, बैंक अब इस मामले को CBI के पास ले जाने की तैयारी में है. यह दूसरी बार है जब SBI ने अनिल अंबानी की कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है. इससे पहले 2020 में भी ऐसा हुआ था, लेकिन तब दिल्ली हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ पाया था.

ED की एंट्री

SBI के इस कदम के ठीक बाद, अब ED ने अनिल अंबानी की कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. 24 जुलाई 2025 को मुंबई में ED की टीमें कई जगहों पर छापेमारी करने पहुंचीं. सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई फंड्स के गलत इस्तेमाल और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं से जुड़ी है. ED यह जांच कर रही है कि क्या अनिल अंबानी की कंपनियों ने बैंक लोन को गैर-कानूनी तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किया, जिनमें से कई उनकी ही सहयोगी कंपनियां थीं.

ED की इस छापेमारी ने कारोबारी और राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी है. लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह कार्रवाई अनिल अंबानी के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती है, खासकर तब जब उनकी कंपनियां पहले ही दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं.

पहले भी लग चुके हैं आरोप

यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी विवादों में घिरे हैं. पिछले साल अगस्त 2024 में सेबी (SEBI) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और उन्हें 5 साल के लिए सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया था. सेबी ने आरोप लगाया था कि अनिल अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस से फंड्स को गलत तरीके से दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया. इस मामले में भी उनकी कंपनियों की गवर्नेंस पर सवाल उठे थे.

क्या कह रहे हैं अनिल अंबानी?

अनिल अंबानी की तरफ से इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन उनके वकीलों ने SBI के फ्रॉड टैग को गलत ठहराया है. उनका दावा है कि अनिल अंबानी RCom के दैनिक कामकाज में शामिल नहीं थे और उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. वकीलों ने यह भी कहा कि SBI ने सुप्रीम कोर्ट और RBI के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया और अनिल को सफाई देने का पूरा मौका नहीं दिया. ED की छापेमारी और SBI के फ्रॉड टैग के बाद अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अगर ED को मनी लॉन्ड्रिंग या फंड डायवर्जन के सबूत मिलते हैं, तो यह मामला और गंभीर हो सकता है.

ज़रूर पढ़ें