CG News: शहरों में एक हजार करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया, रायपुर नगर निगम ने 6 सालों से नहीं किया भुगतान
सांकेतिक तस्वीर.
CG News: छत्तीसगढ़ के शहरों का 1 हजार करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. नगरीय निकाय बिजली बिल नहीं भर पा रहे हैं. अधिकांश निकायों में राशि का अभाव है. समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं होने से निकायों को हर साल सरचार्ज और एरियर्स के रूप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ रहा है. जिससे नगर निगम के ऊपर आर्थिक लोड बढ़ गया है. अब इस भारी- भरकम बिजली बिल से छुटकारे के लिए सरकार एनर्जी बिल ऑडिट कराने जा रही है. जानते हैं कैसा होगा ये ऑडिट?
नागपुर की DR कंसलटेंट को ऑडिट का काम दिया गया
प्रदेश के सभी 184 नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों का ऑडिट होगा. इसके लिए नागपुर की डीआर कंसलटेंट को ऑडिट का काम दिया गया है. निकायों के बिजली बिल के ऑडिट से वास्तविक बिजली खपत और अनावश्यक सरचार्ज भुगतान का स्पष्ट आकलन करना है. निकायों में होने वाले खर्च की तुलना में आमदनी काफी कम है. भारी-भरकम बिजली बिल के बोझ के कारण निकायों का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. किस निकाय का कितना बिल बकाया है होगा ये भी देख सकते हैं. शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति और स्ट्रीट लाइटिंग जैसे काम के लिए निकायों में बड़ी संख्या में बिजली कनेक्शन लगाए गए हैं. जिसकी वजह से प्रदेश के सभी नगर निगम का बिजली बिल बकाया है.
रायपुर नगर निगम ने 6 सालों से नहीं दिया बिजली का बिल
छत्तसीगढ़ के शहरों में एक हजार करोड़ रुपये का बिजली का बिल बकाया है. बिलासपुर नगर निगम का 230 करोड़ और रायपुर नगर निगम का 200 करोड़ रुपये का बिल बकाया है. रायपुर ने 6 सालों से बिजली बिल नहीं दिया है. वाटर फिल्टर प्लांट का 170 करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया है. स्ट्रीट लाइट और अन्य के 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिल बकाया. वहीं दुर्ग जिले का 60 करोड़, भिलाई का 40 करोड़, अंबिकापुर का 20 करोड़, जगदलपुर का 11 करोड़, राजनांदगांव का 10 करोड़ रुपये बिल बकाया है. इसके अलावा कोरबा, रायगढ़, चिरमिरी, धमतरी, भिलाई-चरोदा, बिरगांव, और रिसाली का भी बिजली बिल बकाया है.
25 जुलाई तकसभी नगरीय निकायों से जानकारी मांगी
राज्य शहरी विकास अभिकरण सूडा ने सभी नगरीय निकायों से 25 जुलाई तक विद्युत मीटर की जानकारी मांगी है. दूसरी ओर निकायों के ऑडिट के लिए सभी नगर निगमों में नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. जबकि नगर पालिका और नगर पंचायतों में सीएमओ नोडल अफसर और वरिष्ठ अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे.
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