Gwalior: कुपोषण का शिकार हो रहे बच्चे, 2 साल की बच्ची का वजन 4 किलो, बांह की नाप 7 सेमी

आदिवासी बाहुल्य भितरवार के हरसी गांव की 2 साल 2 महीने का वजन 4 किलो 300 ग्राम निकला है.
The girl suffering from malnutrition was admitted to the hospital.

कुपोषण का शिकार बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

Gwalior News: मध्य प्रदेश में सरकार बच्चियों और महिलाओं की भलाई और उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए करोड़ो रूपये खर्च करने के दावे करती है. लेकिन नवजात बच्चियों की हालत कैसी हैं? इसका पता आपको ग्वालियर जिले के भितरवार इलाके मे पैदा हुई एक बच्ची की देह देखकर लग जाएगा. बच्ची की हालत देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. वह इतने गंभीर कुपोषण की शिकार है. जिस उम्र में उसका बजन 12 किलो होना चाहिए लेकिन वो सिर्फ 4 किलो 300 ग्राम की है.

2 साल की बच्ची का वजन 4 किलो

ग्वालियर जिले के भितरवार इलाके के एक गांव मे जन्मी लाडली बिटिया मध्यप्रदेश की पोषण योजनाओं की पोल ही नहीं खोल रही बल्कि रोंगटे भी खड़े कर रही है. आदिवासी बाहुल्य भितरवार के हरसी गांव की 2 साल 2 महीने का वजन 4 किलो 300 ग्राम निकला है. बच्ची की बांह की माप 7 सेंटीमीटर है. आदिवासी बाहुल्य इलाके की इस मासूम और मायूस बच्ची व हालत बता रही है कि सरकार की पोषण आहार योजना की सच्चाई क्या है? इसी का शिकार हुई यह मासूम लाडली गंभीर अति कुपोषण यानी एसडी-4 स्टेज पर पहुंच गई है. दो दिन पहले ही एनआरसी भितरवार में भर्ती हुई बच्ची के बारे में जब भितरवार एसडीएम संजीव जैन को पता चला तो उन्होंने उसकी हालत देख ग्वालियर रेफर कराया।

‘माता-पिता बाहर थे, इसलिए बच्ची को ट्रेस नहीं कर पाए’

वही परियोजना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि बच्ची के माता-पिता 6 महीने से बाहर थे, इसलिए बच्ची ट्रेस नहीं हो कर पाए. स्वास्थ्य विभाग वर्तमान में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि प्रदेश मे 1.36 लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण से ग्रस्त हैं. कैग की रिपोर्ट में पोषण आहार के परिवहन व गुणवत्ता में 858 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है. हाईकोर्ट ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को कुपोषण की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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