“न सम्राट और न ही विजय, इस ब्राह्मण नेता को CM बनाएगी BJP”, तेजस्वी ने लीक किया NDA का ‘सीक्रेट प्लान’!
तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है. विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी अगर सत्ता में आती है, तो उसका मुख्यमंत्री चेहरा न तो सम्राट चौधरी होंगे और न ही विजय सिन्हा, बल्कि उनकी पसंद मंगल पांडेय होंगे.
तेजस्वी ने क्यों फेंका यह ‘गुगली’?
तेजस्वी यादव ने यह चौंकाने वाला बयान देकर सबको हैरान कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी के अंदर की बात पता है कि वे मंगल पांडेय को ही सीएम बनाएंगे. तेजस्वी के मुताबिक, “मंगल पांडेय किसी लफड़े में नहीं रहते हैं. मंगल पांडेय सबसे बनाकर चलते हैं और सदन में चुपचाप बैठे रहते हैं.”
सुशील मोदी के ‘शागिर्द’ रहे हैं मंगल पांडेय
आपको बता दें कि मंगल पांडेय बीजेपी के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के काफी करीब माने जाते हैं. उन्हीं के प्रयासों से मंगल पांडेय को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. हिमाचल प्रदेश के प्रभारी से लेकर बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तक, मंगल पांडेय ने पार्टी में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
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तेजस्वी का मास्टरस्ट्रोक या सिर्फ चुनावी जुमला?
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह बयान सिर्फ एक चुनावी जुमला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. बिहार की राजनीति में 1990 के बाद से पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग का दबदबा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या लालू प्रसाद यादव, सभी इसी सामाजिक पृष्ठभूमि से आते हैं. ब्राह्मण समुदाय से आखिरी मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा काफी समय पहले थे.
तेजस्वी भली-भांति जानते हैं कि अगर यह बात फैलती है कि बीजेपी ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मंगल पांडेय को सीएम बनाएगी, तो इसका सीधा असर पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित वोटों पर पड़ सकता है. इन वोटों का ध्रुवीकरण महागठबंधन के पक्ष में हो सकता है, जिससे NDA को बड़ा नुकसान होगा.
लालू की तरह ‘कंफ्यूजन’ कार्ड खेल रहे तेजस्वी
तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तरह ही ‘कंफ्यूजन’ वाला दांव खेलने में माहिर हैं. याद कीजिए, 2024 के लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने ही ‘बीजेपी 400 पार’ के नारे पर सवाल उठाया था कि कहीं वे संविधान तो नहीं बदलना चाह रहे? इसी तरह, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘आरक्षण की समीक्षा’ वाले बयान को लालू यादव ने ‘आरक्षण खत्म करने की साजिश’ बताकर खूब भुनाया था.
अब तेजस्वी भी मंगल पांडेय का नाम उछालकर बीजेपी की उस कोशिश पर पानी फेरना चाहते हैं, जिसमें वे सम्राट चौधरी जैसे अतिपिछड़े नेता को आगे बढ़ा रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी के बिहार दौरे के दौरान सम्राट चौधरी को उनके साथ रोड शो में देखा गया था, और सरकारी कार्यक्रमों में भी उन्हें काफी तवज्जो दी जा रही है.