भारत की इकोनॉमी की धमक देख ट्रंप का BP बढ़ना तय, अपनी ही अर्थव्यवस्था लगेगी फीकी!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप- तस्वीर AI
India Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया और साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ करार दे डाला. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि भारत और रूस अपनी ‘मरी हुई’ अर्थव्यवस्थाओं के साथ चाहें तो डूब जाएं, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन क्या वाकई भारत की आर्थिक हालत इतनी खराब है? अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स और आंकड़े तो कुछ और ही कहानी बयां करते हैं.
मरी नहीं, बल्कि मस्त है भारत की अर्थव्यवस्था
ट्रंप के इस बयान ने भारत में हलचल मचा दी. सोशल मीडिया से लेकर संसद तक, हर जगह बहस छिड़ गई. लेकिन अगर हम आंकड़ों की बात करें, तो ट्रंप का दावा हवा-हवाई साबित होता है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की ताजा रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था न सिर्फ जिंदा है, बल्कि रफ्तार पकड़ रही है.
1995 से 2025 तक का सफर
1995 में भारत की जीडीपी थी सिर्फ 360 अरब डॉलर, जो 2025 तक बढ़कर 4.18 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है. यानी 30 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 12 गुना बड़ी हो गई. दूसरी तरफ, अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस दौरान सिर्फ 4 गुना बढ़ी. अब आप ही बताइए, कौन मरा हुआ है?
विश्व में भारत की हिस्सेदारी
1995 में भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका की जीडीपी की सिर्फ 5% थी, लेकिन 2025 तक ये 14% तक पहुंच गई है. यानी भारत तेजी से अमेरिका के करीब आ रहा है. जापान की जीडीपी तो 2025 तक 1995 से भी कम हो जाएगी. जर्मनी और ब्रिटेन भी भारत की रफ्तार के सामने पीछे हैं. सिर्फ भारत, चीन और रूस ही हैं, जिन्होंने अमेरिका को आर्थिक रेस में कड़ी टक्कर दी है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
2023 में टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया था कि अगर भारत इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो 2073 तक वो अमेरिका को भी पछाड़ सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण है भारत का युवा वर्ग. जहां अमेरिका जैसे देशों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, वहीं भारत की युवा आबादी अगले दो दशकों तक उसकी ताकत बनी रहेगी. ये युवा न सिर्फ मेहनत कर रहे हैं, बल्कि डिजिटल क्रांति के साथ भारत को एक विशाल खपत बाजार भी बना रहे हैं.
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तेज विकास दर
2025-26 तक भारत की विकास दर 6.5% तक पहुंचने की उम्मीद है, जो अमेरिका (1.9%) और चीन (4.8%) से कहीं ज्यादा है. IMF के मुताबिक, भारत पर जीडीपी का 83% कर्ज है, जबकि अमेरिका पर ये आंकड़ा 123% से भी ज्यादा है. यानी कर्ज के मामले में भी भारत की हालत अमेरिका से बेहतर है. वहीं, 2030 तक भारत, चीन के बाद दुनिया की जीडीपी वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान देगा. अब ये कोई उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि दिशा देने वाली ताकत है.
लेकिन, सब कुछ तो गुलज़ार नहीं!
अब जरा दूसरा पहलू भी देख लें. भारत की अर्थव्यवस्था भले ही रफ्तार में हो, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं. ग्रामीण भारत और किसानों की हालत अभी भी चिंता का विषय है. ज्यादातर किसान बस गुजारा कर पा रहे हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार भी उम्मीद से कम रही है, जिसकी औसत विकास दर 2019-20 से अब तक सिर्फ 4% रही.
अमीर-गरीब की खाई
भारत की जीडीपी भले बढ़ रही हो, लेकिन इसका फायदा सबको बराबर नहीं मिल रहा. 2011-12 में 27% लोग गरीबी रेखा के नीचे थे, और आज भी 24% लोग गरीबी में जी रहे हैं. यानी हालात में बहुत बदलाव नहीं आया. पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी मिलना मुश्किल है. जो नौकरियां मिलती भी हैं, उनमें तनख्वाह और काम की गुणवत्ता अक्सर खराब होती है. इतना ही नहीं, भारत में महिलाओं का कार्यबल में हिस्सा बहुत कम है, और जो काम करती हैं, उन्हें उचित भुगतान नहीं मिलता. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में भी भारत को अभी लंबा रास्ता तय करना है.
ट्रंप का टैरिफ और भारत की रणनीति
ट्रंप का 25% टैरिफ का ऐलान भारत के लिए एक चुनौती तो है, लेकिन भारत इसे अवसर में बदल सकता है. भारत का ग्लोबल एक्सपोर्ट में हिस्सा अभी कम है (सामान में 1.8%, सेवाओं में 4.5%), लेकिन डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप्स की ताकत के साथ भारत इस कमी को पूरा कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना होगा. साथ ही, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधार से भारत अपनी युवा शक्ति का पूरा फायदा उठा सकता है.
ट्रंप के “मरी हुई अर्थव्यवस्था” वाले तंज का जवाब भारत के आंकड़े और रफ्तार खुद दे रहे हैं. भारत न सिर्फ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि आने वाले दशकों में वो वैश्विक मंच पर और बड़ा रोल निभाने को तैयार है. ट्रंप चाहे जितने टैरिफ लगा लें, भारत की युवा ताकत और आर्थिक रफ्तार उन्हें हैरान कर सकती है. हो सकता है कि ये आंकड़ें देखकर ट्रंप जी, डिप्रेशन में चले जाएं, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था मरी नहीं, बल्कि मस्ती में है!