‘सच्चा भारतीय ऐसा…’, सुप्रीम कोर्ट की राहुल गांधी को फटकार, कहा- आपको कैसे पता चीन ने 2000 वर्ग किमी जमीन हड़पी?

Supreme Court on Rahul Gandhi: राहुल गांधी के साल 2022 के बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता को कड़ी फटकार लगाई है.
Congress leader Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

Supreme Court on Rahul Gandhi: सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को उनके एक बयान के लिए कड़ी फटकार लगाई है. यह बयान 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया गया था, जिसमें राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई की है. इस बयान के खिलाफ लखनऊ में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. राहुल गांधी ने इस मामले में लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

एससी के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी से कड़े सवाल पूछे. कोर्ट ने कहा- ‘आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया? क्या आप वहां थे? आपके पास क्या विश्वसनीय सबूत हैं?’ कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी ‘सच्चे भारतीय’ होते, तो इस तरह का बयान नहीं देते. कोर्ट ने सलाह दी कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें ऐसे मुद्दों को संसद में उठाना चाहिए, न कि सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर

राहुल गांधी का पक्ष

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि निचली अदालत ने बिना उनका पक्ष सुने मामले में संज्ञान लिया. उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता व्यक्तिगत रूप से प्रभावित पक्ष नहीं है और राहुल गांधी का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमाएं हैं.

कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही मानहानि की कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 मई 2025 को राहुल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने समन को रद्द करने की मांग की थी.

क्या था राहुल का बयान

राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- ‘चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं. लोग भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठाते हैं, लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कैसे कर लिया.’ इसके अलावा, 3 अप्रैल 2025 को लोकसभा में उन्होंने दावा किया था कि चीन ने 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किया है. ये बयान 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के संदर्भ में थे, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.

भाजपा ने कसा तंज

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संदेश दिया है और उन्हें अपनी बातों पर नियंत्रण रखना चाहिए. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने राहुल को ‘चीन गुरु’ कहकर तंज कसा और उनके बयानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गैर-जिम्मेदाराना बताया.

विवाद का आधार

शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव का कहना था कि राहुल गांधी के बयान से भारतीय सेना का अपमान हुआ है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना ने आधिकारिक रूप से कहा था कि चीनी सैनिकों को सीमा में घुसने से रोका गया था, लेकिन राहुल ने इसे गलत तरीके से पेश किया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कहा था कि सेना का सम्मान करने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे बयानों से आहत हो सकता है.

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आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सलाह दी कि वह अपनी संवैधानिक भूमिका की गरिमा बनाए रखें और सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतें. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पर तनाव के दौरान इस तरह के बयान गैर-जिम्मेदाराना हो सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी और तब तक लखनऊ कोर्ट की कार्यवाही पर रोक रहेगी.

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