Sehore Stampede: कुबेरेश्वर धाम भगदड़ मामले का एमपी मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, कलेक्टर और एसपी को नोटिस

Sehore Stampede: सीहोर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा गया है. आयोग ने अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है. व्यक्ति के मौलिक और मानव अधिकारों का संरक्षण पर जवाब मांगा है
Madhya Pradesh Human Rights Commission (file photo)

मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (फाइल तस्वीर)

Sehore Stampede: मध्य प्रदेश के सीहोर में रूद्राक्ष महोत्सव में मची भगदड़ में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. अव्यवस्थाओं और बदइंतजामी पर मानवाधिकार आयोग ने सीहोर कलेक्टर और एसपी से रिपोर्ट मांगी है. लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने पर भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक मैनेजमेंट और व्यवस्थाओं में हुई लापरवाही पर एक हफ्ते में जवाब तलब किया है.

पंडित प्रदीप मिश्रा को दिया नोटिस

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को नोटिस जारी किया है. आयोग ने सीहोर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने सवाल किया है कि ऐसे आयोजनों में जिला प्रशासन की क्या भूमिका है और व्यक्ति के मौलिक और मानवाधिकारों का संरक्षण कैसे सुनिश्चित किया जाए?

आयोग ने गंभीर लापरवाही को लेकर मांगा जवाब

मानवाधिकार आयोग ने सीहोर कलेक्टर और एसपी से जवाब तलब किया है. रुद्राक्ष महोत्सव के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा को अधिकतम कितनी संख्या की अनुमति दी गई थी. क्या प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोजकों से आने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की जांच की थी. क्या कलेक्टर एसपी ने भोपाल इंदौर हाईवे पर ट्रैफिक कोड डिस्टरबेंस से रोकने के लिए कोई इंतजाम किया था. पहले दिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के बाद, प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए.

ये भी पढ़ें: MP News: प्रसून जोशी और संजय लीला भंसाली को मिलेगा राष्ट्रीय किशोर सम्मान, लता मंगेशकर समेत 8 सम्मानों की हुई घोषणा

एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

मानवाधिकार आयोग ने एक सप्ताह का समय दिया है. एक सप्ताह के भीतर कलेक्टर और SP से पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट तलब की है. मानवाधिकार आयुक्त ने अधिकारियों से भीड़ प्रबंधन व्यवस्थाएं, ट्रैफिक मैनेजमेंट सहित अन्य प्रबंधन को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट में एक सप्ताह के भीतर तलब की है. दरअसल सीहोर में कुबरेश्वर धाम में लाखों की संख्या में लोग और कांवड़िये भगवान शिव को जल अर्पित करने पहुँचे थे. भगदड़ मचने से अब तक 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

ज़रूर पढ़ें