Bhopal: इंडस्ट्रियल एरिया में खतरनाक क्लोरीन गैस का रिसाव, लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत, मची अफरा-तफरी
भोपाल में गैस लीक
Bhopal Gas Leak: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में उस वक्त अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब एक निजी फैक्ट्री से खतरनाक क्लोरीन गैस का रिसाव होने लगा. वहां मौजूद आसपास के लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंची.
क्लोरीन गैस का रिसाव
भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में बुधवार (13 अगस्त) को दोपहर 3:30 बजे एक प्राइवेट फैक्ट्री में क्लोरीन गैस रिसाव की घटना हुई. गैस फैलने से फैक्ट्री और आसपास के लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ा.
1 घंटे में पाया गया काबू
घटना की सूचना मिलते ही गोविंदपुरा SDM रवीश कुमार श्रीवास्तव, एसडीईआरएफ, नगर निगम फायर ब्रिगेड, पुलिस और बिजली कंपनी की टीमें मौके पर पहुंचीं. कास्टिक सोडा डालकर गैस को न्यूट्रल किया गया और लगभग एक घंटे में स्थिति पर काबू पा लिया गया.
SDM ने बताया कि गैस के प्रभाव से लोगों की आंखों में आंसू और सांस लेने में परेशानी हुई, लेकिन समय पर कार्रवाई के कारण किसी को गंभीर नुकसान नहीं हुआ. राहत कार्य के दौरान सभी कर्मचारी विशेष मास्क पहनकर काम करते रहे. पुलिस और अन्य टीमें भी मास्क लगाकर मौके पर मौजूद थीं. गैस रिसाव का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है.
भोपाल की भीषण गैस त्रासदी की याद
भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसाव की दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदी हुई थी, जिसमें 5,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहे. जनवरी 2025 में इस हादसे के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के परिसर में मौजूद 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर ट्रकों के जरिए इंदौर से 30 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर डंपिंग साइट पर स्थानांतरित किया गया.