क्या है NCERT का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मॉडल? अब से छात्र पढ़ेंगे सेना की शौर्य गाथा

NCERT Module: पहलगाम हमले के बाद पूरे भारत में एकता की एक लहर दौड़ पड़ी. हैदराबाद से लेकर लखनऊ और भोपाल तक, मुस्लिम समुदाय ने काले पट्टियां बांधकर हमले की निंदा की. कश्मीर के लोगों ने भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई और सेना का साथ दिया. यह एक ऐसा पल था जब पूरा देश, बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो गया.
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अब 3 से 12वीं तक के क्लासेज में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

NCERT Module: स्कूलों के बच्चे अब भारतीय सेना की एक ऐसी बहादुरी की कहानी पढ़ेंगे, जिसने देश को हिला देने वाले एक आतंकी हमले का करारा जवाब दिया था? जी हां, NCERT ने अपने पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल किया है, जो बताता है कि कैसे भारत ने आतंकियों को उन्हीं की ज़मीन पर घुसकर सबक सिखाया. एनसीईआरटी की ओर से जारी नए मॉड्यूल में कक्षा 3 से 5वीं, 6 से 8वीं और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए हैं. आइए जानते हैं कि एनसीईआरटी ने इसे माड्यूल में क्यों शामिल किया है.

पहलगाम का दर्द

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में अचानक गोलियों की आवाज़ गूंज उठी. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने वहां घूम रहे मासूम पर्यटकों पर हमला कर दिया. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी था. इस घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया, लेकिन भारत ने चुपचाप बैठना मंजूर नहीं किया. देश का गुस्सा उबल रहा था और हर कोई जवाब चाहता था.

जब शुरू हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर’

भारत ने शांति से नहीं, बल्कि ताकत से जवाब देने का फैसला किया. 7 मई 2025 की सुबह 1:05 बजे, भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर एक सटीक और ताबड़तोड़ हमला किया. इस मिशन का नाम रखा गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’.

इस ऑपरेशन में हमारी सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. वायुसेना ने तो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के बड़े गढ़ों – मुरीदके और बहावलपुर को भी तबाह कर दिया. सबसे बड़ी बात यह थी कि इस हमले में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया और किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा. NCERT के मॉड्यूल में बताया गया है कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि हमारे शहीदों के सम्मान और शांति की रक्षा की कसम थी.

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नाम में छिपा है गहरा संदेश

इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया, इसके पीछे एक बहुत ही भावुक और गहरा संदेश छिपा है. यह उन सभी महिलाओं को श्रद्धांजलि थी, जिनके पतियों को पहलगाम हमले में आतंकियों ने छीन लिया था. सिंदूर सुहाग का प्रतीक है, और इस नाम के ज़रिए भारत ने उन वीर नारियों के प्रति अपनी एकजुटता, सम्मान और सहानुभूति दिखाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘भारत की नीति, इरादे और निर्णायक क्षमता का संगम’ बताया था.

देश एक हुआ, आतंकवाद हारा

पहलगाम हमले के बाद पूरे भारत में एकता की एक लहर दौड़ पड़ी. हैदराबाद से लेकर लखनऊ और भोपाल तक, मुस्लिम समुदाय ने काले पट्टियां बांधकर हमले की निंदा की. कश्मीर के लोगों ने भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई और सेना का साथ दिया. यह एक ऐसा पल था जब पूरा देश, बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो गया. NCERT के पाठ्यक्रम में इस बात पर खास ज़ोर दिया गया है कि कैसे कश्मीरी लोगों की आवाज़ ने उन रूढ़ियों को तोड़ा जो आतंकवाद से जुड़ी थीं.

बच्चों के लिए एक सबक

आज जब यह कहानी हमारे स्कूलों में पढ़ाई जाएगी, तो बच्चे सिर्फ एक सैन्य अभियान के बारे में नहीं जानेंगे. वे सीखेंगे कि मुश्किल हालात में भी कैसे हिम्मत, धैर्य और सही फैसला लेना चाहिए. यह उन्हें बताएगा कि देश की सुरक्षा और एकता हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है.

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