“तब मैंने इस्तीफा दिया था…”, PM-CM की गिरफ्तारी से जुड़े बिल का विरोध करने वाले सांसदों पर भड़के शाह, विपक्ष ने फाड़ी कॉपियां

Parliament Monsoon Session: हंगामा तब और बढ़ गया जब कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह के पुराने केस का जिक्र छेड़ दिया. बस, फिर क्या था? अमित शाह का पारा सातवें आसमान पर.
Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Parliament Monsoon Session: बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जैसे ही तीन बड़े बिल लोकसभा में पेश किए, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. नारेबाजी, शोर-शराबा और फिर बिल की प्रतियां फाड़कर हवा में उछाल दी गईं. जी हां, ये कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि भारत की संसद का असली ड्रामा है. आखिर माजरा क्या था और क्यों सदन में इतना बवाल हुआ. आइए सबकुछ जानते हैं.

शाह ने पेश किए तीन विधेयक

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025
केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

ये बिल जैसे ही टेबल पर आए, विपक्षी सांसद भड़क गए. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इन बिलों का जमकर विरोध किया. उनका कहना है कि ये बिल सरकार को मनमानी करने की ताकत दे सकते हैं. खासकर, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद अनुराग ढांडा ने तो सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “ऐसे बिलों के जरिए फर्जी केस बनाकर किसी मुख्यमंत्री को जेल में डाला जा सकता है, और बाद में कह दिया जाएगा कि सबूत नहीं मिले, केस वापस. तब तक सरकार गिर चुकी होगी.”

किस बात पर भड़के अमित शाह

हंगामा तब और बढ़ गया जब कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह के पुराने केस का जिक्र छेड़ दिया. बस, फिर क्या था? अमित शाह का पारा सातवें आसमान पर. उन्होंने कहा, “मुझे सुनो ना, पहले बैठ जाओ. जब तक कोर्ट ने मुझे निर्दोष साबित नहीं किया, मैंने कोई संवैधानिक पद नहीं लिया.”

हालांकि, इतने पर भी विपक्षी सांसद कहां चुप रहने वाले थे. कुछ सांसदों ने बिल की कॉपियां फाड़कर गृह मंत्री की ओर उछाल दीं. ये नजारा देखकर हर कोई दंग रह गया.

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विपक्ष ने क्या-क्या कहा?

विपक्ष का कहना है कि इन बिलों के जरिए केंद्र सरकार अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “संविधान कहता है कि कानून का राज होना चाहिए. हर इंसान बेगुनाह है, जब तक उसका गुनाह साबित न हो.” वहीं, जम्मू और कश्मीर से जुड़े बिल पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ये बिल वहां की स्थानीय सरकार की शक्तियों को कमजोर कर सकता है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा और बिल को लोकतंत्र के खिलाफ बताया.

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