अर्चना तिवारी और तेजिंदर का क्या था कनेक्शन? टोल नाके पर पुलिस के कैमरे से बचाया, लेकिन ऐन वक्त पर…
अर्चना तिवारी के भागने में तेजिंदर ने की थी मदद
Archana Tiwari Case: अर्चना तिवारी केस को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सुलझा लिया है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से लगती नेपाल बॉर्डर से अर्चना तिवारी को पकड़ा है. बुधवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेलवे पुलिस के एसपी राहुल लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अर्चना तिवारी ने नेपाल भागने की साजिश रची थी और वह इस पूरी प्लानिंग मास्टरमांइड है. इसके साथ ही दो और शख्स का नाम सामने आया है, जिनमें सारांश और तेजिंदर हैं.
‘तेजिंदर के साथ घूमने जाती थी अर्चना’
इस पूरे मामले में सारांश के बाद तेजिंदर का नाम सामने आया है. राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना और सारांश के साथ तेजिंदर भी प्लानिंग में शामिल था. मीडिया से बात करते हुए बताया कि तेजिंदर वह शख्स है जिसने अर्चना को भागने में मदद की थी. अर्चना की मुलाकात तेजिंदर से सारांश के जरिए हुई थी. पुलिस अधीक्षक ने ये भी बताया कि इंदौर में रहते हुए अर्चना, शहर के आसपास जहां भी घूमने जाती थी तेजिंदर के साथ ही जाती थी. महेश्वर भी गई थी.
‘हरदा में बनाई थी प्लानिंग’
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सारांश, अर्चना और तेजिंदर ने मिलकर 6 अगस्त को हरदा में प्लानिंग बनाई थी. नेपाल भागने की प्लानिंग की थी. उन्होंने आगे बताया कि इसी रात दिल्ली पुलिस ने तेजिंदर को गिरफ्तार कर लिया. उस पर फ्रॉड का आरोप है. यदि दिल्ली पुलिस तेजिंदर को नहीं ले जाती तो केस 3 दिन पहले जल्दी सुलझ जाता.
टोल नाके से बचने का बनाया प्लान
पहचान बचाने के लिए तेजिंदर के साथ-साथ अर्चना और सारांश ने टोल नाके से बचने का प्लान बनाया था. एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि फास्टटैग से टोल नाके में पैसे कटते हैं तो इससे पहचान उजागर हो सकती थी. उन्होंने टोल नाकों से बचने के लिए प्लानिंग बनाई थी.