MP News: भोपाल में तैयार हो रहा प्रदेश का पहला ग्रीन अस्पताल, बिना AC के रहेगा ठंडा, 2026 में बनकर होगा तैयार

MP News: भोपाल का 135 साल पुराना सरकारी सुल्तानिया जनाना अस्पताल अब सुल्तानिया मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के तौर पर जाना जाएगा. अस्पताल 6 मंजिला इमारत में बनकर तैयार हो रही है. इसकी बिल्डिंग इस तरह बनाई जा रही है, जिसमें दिन में लाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
Bhopal: Sultania Hospital will become the state's green hospital, will be ready in 2026

भोपाल: सुल्तानिया अस्पताल, प्रदेश का ग्रीन अस्पताल बनेगा

MP News: राजधानी भोपाल में एक ऐसा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है जो ग्रीन हॉस्पिटल के तौर पर जाना जाएगा. जिसमें बिना AC लगाए ही मरीजों को ठंडक महसूस होगी. बिना एसी लगे ही लोगों को प्राकृतिक हवा का लाभ मिलेगा, जो मरीजों के सेहत के लिए फायदेमंद होगा. यहां तक की दिन में अस्पताल के अंदर लाइट जलाने की भी जरूरत नहीं होगी. क्रॉस वेंटिलेशन के कारण अस्पताल के अंदर नेचुरल लाइट भरपूर होगी. कुल मिलाकर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हाईटेक और मॉडर्न हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है.

इस हॉस्पिटल का नाम सुल्तानिया मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल होगा. भोपाल में 136 करोड़ रुपए की लागत से 300 बेड का अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. अगस्त 2026 तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद यहां लोगों को इलाज कराने की सुविधा मिलेगी. यह अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.

केवल ICU और सेंसटिव एरिया में लगाए जाएंगी AC

दरअसल भोपाल का 135 साल पुराना सरकारी सुल्तानिया जनाना अस्पताल अब सुल्तानिया मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के तौर पर जाना जाएगा. अस्पताल 6 मंजिला इमारत में बनकर तैयार हो रही है. इसकी बिल्डिंग इस तरह बनाई जा रही है, जिसमें दिन में लाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कंस्ट्रक्शन कंपनी और मध्य प्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का दावा है कि इस अस्पताल में एयर कंडीशनर (AC) की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. ओपीडी और वार्डों में ऐसी ही नहीं लगाई जाएगी. केवल आईसीयू और सेंसेटिव एरिया में ही AC लगाई जाएगी. अस्पताल का स्ट्रक्चर ही ऐसा बनाया गया है कि मरीजों को फ्रेश एयर और वातावरण का लाभ मिलेगा. ऐसा भोपाल में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है.

हॉस्पिटल में रहेगी ये सुविधाएं

  1. इस अस्पताल में ICU और सेंसिटिव एरिया छोड़कर कहीं भी AC नहीं लगाई जाएगी. इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा.
  2. इस अस्पताल में प्राकृतिक रोशनी के लिए बड़ी-बड़ी खिड़कियां लगाई गई हैं
  3. अस्पताल की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली की खपत कम होगी.
  4. इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए पार्किंग में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
  5. अस्पताल के चारों ओर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे ताकि हरियाली बनी रहेगी.
  6. क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा रहेगी, जिससे हवा ब्लॉक न होकर आर-पार होते रहेगी.

तीन अलग-अलग ब्लॉक तैयार

अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी के अलग-अलग तीन ब्लॉक बनाए गए हैं. जिससे गंभीर मरीज, भर्ती मरीज और सिर्फ ओपीडी में दिखाकर लौट जाने वाले मरीज एक-दूसरे से अलग रहेंगे. गंभीर और भर्ती मरीज ओपीडी की भीड़ से बच सकेंगे. इनकी जांच और बिलिंग भी अलग-अलग होगी. यहां 24×7 इमरजेंसी सेवा मिलेगी. अस्पताल में अलग से ट्रॉमा केयर यूनिट होगी, जिसमें दुर्घटना की चपेट में आए मरीजों का इलाज किया जाएगा.

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लेजर मशीनों से लैस एडवांस फिजियोथेरेपी यूनिट

बता दें कि सुल्तानिया मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण 1 जनवरी 2024 से चल रहा है. अस्पताल का काम जोरों शोरों से जारी है. यह अस्पताल मध्य प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा. हॉस्पिटल का निर्माण मध्य प्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा किया जा रहा है.

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