“वोटर लिस्ट से नाम हटाना आतंकवाद…”, हिंदी-विरोधी छवि वाले स्टालिन पहुंचे बिहार, राहुल-तेजस्वी के सामने क्या-क्या कहा?
बिहार में राहुल गांधी का साथ देने पहुंचे स्टालिन
Bihar Politics: बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं. इस बीच बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मुजफ्फरपुर पहुंचे. एम.के स्टालिन ने बिहार की धरती पर तमिल भाषा में भाषण देकर सबको हैरान कर दिया. हालांकि, एक ट्रांसलेटर उनके शब्दों को हिंदी में समझा रहा था.
आतंकवाद से भी बड़ा खतरा?
स्टालिन ने अपनी स्पीच में सबसे बड़ा हमला चुनाव आयोग पर बोला. उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के ‘वोट चोरी’ के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा, “वोटर लिस्ट से लोगों का नाम हटाना आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है. क्या 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाना आतंकवाद से भी बुरा नहीं है?”
राहुल-तेजस्वी की दोस्ती पर क्या बोले स्टालिन?
स्टालिन ने आगे कहा कि उनके पिता करुणानिधि और लालू प्रसाद यादव दोस्त थे. उन्होंने लालू को भारत के सबसे बड़े नेताओं में से एक बताया. इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दोस्ती की भी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि इन दोनों की दोस्ती सिर्फ सियासी नहीं है, बल्कि इससे कहीं ज़्यादा गहरी है.
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चुनाव आयोग पर साधा निशाना
स्टालिन ने इलेक्शन कमीशन पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब एक ‘रिमोट-कंट्रोल वाली कठपुतली’ बन गया है. उन्होंने राहुल गांधी को धमकाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त पर भी तंज कसा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि राहुल गांधी को डराया नहीं जा सकता.
स्टालिन ने एक बड़ा वादा भी किया. उन्होंने कहा, “मैं आपसे वादा करता हूं कि बिहार में बीजेपी की हार के बाद मैं फिर आऊंगा, लेकिन इस बार जीत का जश्न मनाने और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए.” स्टालिन ने कहा कि ‘INDIA’ गठबंधन की नींव बिहार में ही रखी गई थी और इसी गठबंधन ने बीजेपी की 400 पार सीटों के सपने को 240 पर रोक दिया.
वैसे, स्टालिन की राजनीति हिंदी और उत्तर भारत के विरोध के लिए जानी जाती है, लेकिन बिहार की धरती पर आकर उन्होंने अपनी बात तमिल में रखी और हिंदी के अनुवाद के साथ एक बड़ा सियासी संदेश दे गए.