Bilaspur: गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में चुनाव बना समस्या, जिला प्रशासन ने 3 साल से आईटी बिल्डिंग में किया कब्जा

Bilaspur: पहले लोकसभा चुनाव फिर विधानसभा, इसके बाद नगर निगम चुनाव, इसके कारण स्थानीय निर्वाचन अधिकारी यानी जिला प्रशासन ने कोनी स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की आईटी बिल्डिंग को पिछले 3 साल से अपने कब्जे में रख लिया है.
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Bilaspur: पहले लोकसभा चुनाव फिर विधानसभा, इसके बाद नगर निगम चुनाव, इसके कारण स्थानीय निर्वाचन अधिकारी यानी जिला प्रशासन ने कोनी स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की आईटी बिल्डिंग को पिछले 3 साल से अपने कब्जे में रख लिया है. नतीजा यह है कि गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को परेशानी हो रही है. आईटी बिल्डिंग में लैब, आईटी डिपार्टमेंट और वर्कशॉप की तकनीकी सुविधाएं मौजूद है लेकिन यह गतिविधियां कॉलेज में ठप पड़ गई है. यही वजह है कि गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय सिंघाई ने जिला कलेक्टर डोक्टर संजय अग्रवाल को पत्राचार कर जल्द भवन खाली करने का आग्रह किया है लेकिन अभी तक स्थिति नहीं बदल सकी है.

गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में चुनाव बना समस्या

चुनाव के दौरान स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव की सारी प्रक्रियाओं के पालन के लिए कोनी स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की आईटी बिल्डिंग को चुना था। यहां ही तमाम तरह से चुनाव की मतगणना और नतीजों की घोषणा की गई। नियमानुसार जिला प्रशासन यानी निर्वाचन अधिकारियों को इस बिल्डिंग को गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज को किसी भी चुनाव के 45 दिन के बाद प्रबंधन को हैंड ओवर कर देना था लेकिन आज भी स्थिति पुरानी जैसी है। गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की आईटी बिल्डिंग में अभी भी नगर निगम चुनाव की मतपेटिया रखी हुई है जिसे सुरक्षित रखने का काम नहीं किया गया और यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज को इस बिल्डिंग को नहीं सौंपा है और इसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

जिला प्रशासन ने 3 साल से आईटी बिल्डिंग में किया कब्जा

गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति यह है कि यहां पुराने भवन में बिल्डिंग के हिसाब से छात्रों की संख्या ज्यादा है। सिविल मैकेनिकल और दूसरे इंजीनियरिंग के बच्चों को पढ़ाई के बाद प्रैक्टिकल करने और प्रयोगशाला में अध्ययन करने जैसी स्थितियां ठीक नहीं है। इसका कारण ही पर्याप्त बिल्डिंग का नहीं होना है जिसके कारण इंजीनियरिंग की एक बैच की कक्षा के बाद एक ही बिल्डिंग में दूसरी बैच की क्लास लगाई जा रही है। वर्कशॉप आईटी बिल्डिंग और लैब के लिए तैयार हुए आईटी भवन को जिला प्रशासन ने पिछले 3 साल से चुनाव के कारण अपने अधिपत्य में रखा हुआ है और यही वजह है कि यहां के हजारों छात्र बिल्डिंग के अभाव में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.

बिलासपुर का इकलौता गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज है कोनी में. इंजीनियरिंग के अलग-अलग 9 से अधिक डिपार्टमेंट है यहां. बिलासपुर के अलावा कोरबा रायपुर जांजगीर रायगढ़ के अलावा छत्तीसगढ़ के कई जिलों के बच्चे ले रहे हैं इंजीनियरिंग की शिक्षा. कंडम है आधा भवन। कहीं से सीलन तो कहीं से बारिश का पानी टपक रहा. वर्कशॉप और लैब पुरानी बिल्डिंग में ना के बराबर इसके कारण ही लगभग 3 करोड रुपए में नई आईटी बिल्डिंग तैयार किया गया था लेकिन उसका भी लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है.

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