इंदौर के एमवाय अस्पताल में बढ़ रहा चूहों का आतंक, NICU वार्ड में नवजात बच्चों के कुतरे हाथ

Indore News: इंदौर के एमवाय अस्पताल के NICU में चूहों ने नवजात बच्चों को काट लिया, जिससे बड़ा सवाल अस्पताल की व्यवस्थाओं पर खड़ा हो गया है. प्रबंधन ने पेस्ट कंट्रोल कराने और NICU को सुरक्षित बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
Indore News

इंदौर एमवाय अस्पताल

Indore News: इंदौर शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शहर के सबसे मशहूर अस्पताल एमवाय के NICU (Neonatal Intensive Care Unit) वार्ड में चूहों ने नवजात बच्चों के हाथ कुतर दिए हैं. दरअसल, अस्पताल में दो-तीन दिन पहले जन्मे नवजातों को जन्म के बाद NICU वार्ड में शिफ्ट किया गया था, जिसके बाद चूहों ने उनके हाथ कुतर दिए. रविवार को जब नवजात को चूहों ने काटा तो डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया, लेकिन सोमवार को फिर दूसरी बार यह घटना घटी, जिसके बाद स्टाफ ने सीनियरों को इसकी सूचना दी.

जानकारी के मुताबिक पूरे अस्पताल में चूहों की भरमार है और NICU वार्ड में सबसे ज्यादा चूहे पाए जाते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. अस्पताल स्टाफ का कहना है कि इन चूहों को देखकर उन्हें भी डर लगता है. फिलहाल इन दोनों घटनाओं के बाद एमवायएच प्रबंधन ने बड़े स्तर पर पेस्ट कंट्रोल कराने की तैयारी कर रही है. प्रबंधन का कहना है कि NICU वार्ड में चूहों की आवाजाही को बंद करने के लिए काम चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.

क्या होता है चूहों के काटने से?

चूहों के काटने से बुखार आने की संभावना सबसे ज्‍यादा बनी रहती है. इस बुखार को Rat Bite Fever (RBF) कहा जाता है. यह चूहों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया Streptobacillus moniliformis और Spirillum minus के कारण होता है. चूहे के काटने के बाद इसके लक्षण कुछ हफ्तों में दिखाई देने लगते हैं. इसमें अचानक बुखार आना, दाने होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना शामिल है. यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए तो हृदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों में गंभीर संक्रमण फैलने की संभावना होती है.

ये भी पढ़ें- अपना जन्मदिन क्यों नहीं मनाना चाहते नए MP BJP अध्यक्ष? कार्यकर्ताओं से की यह अपील

कैसे बचा जाए?

घरों में स्वच्छता बनाए रखें, खाने-पीने की चीजों को ढककर रखें. यदि चूहें द्धारा काट लिया जाए ताे तुरंत गुनगुने पानी और साबुन से उस जगह को धोएं. समय पर डॉक्टर को दिखाएं और उनके बताए गए निर्देशों का पालन करते हुए घाव का ध्यान रखें.

ज़रूर पढ़ें