MP News: इंदौर के एमवाय अस्पताल का झूठ बेनकाब, जिस मासूम को चूहों ने कुतरा उसे बताया था लावारिस, परिजन पहुंचे अस्पताल
एमवाय अस्पताल इंदौर
MP News: इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय अस्पताल प्रबंधन का बड़ा झूठ सामने आया है. अस्पताल जिस मासूम बच्ची को लावारिस बता रहा था, उसके माता-पिता शनिवार को खुद अस्पताल पहुंच गए. उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उनकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं रही और भी दर्दनाक यह है कि बच्ची को अस्पताल में चूहों ने कुतर दिया था.
मां का रो-रोकर बुरा हाल
धार जिले की मंजू ने रविवार को जिला अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था. बच्ची के शरीर में मलद्वार नहीं था, इसलिए डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन के लिए एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया. मंजू की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी और बच्ची का वजन भी सामान्य था. लेकिन जब मां को यह बताया गया कि बच्ची अब नहीं रही और उसे चूहों ने कुतर दिया, इस बात को सुनकर मंजू बदहवास होकर रो पड़ी तो वह सदमे में आ गई.
पिता ने बताई मजबूरी
बच्ची के पिता देवराम अपनी बेटी को सरकारी एंबुलेंस से एमवाय लेकर आए थे. एंबुलेंस स्टाफ ने उससे 200 रुपये भी ले लिए. बच्ची को एनआईसीयू में भर्ती कर पिता से कह दिया गया जरूरत होगी तो कॉल करेंगे. देवराम दो दिन तक अस्पताल परिसर में रुके रहे, लेकिन कोई सूचना नहीं मिली. जब भी वे अस्पताल में घुसने की कोशिश करते, गार्ड यह कहकर रोक देते कि उनके पास पर्ची नहीं है. आखिरकार पैसों की कमी के कारण वे पत्नी के पास धार लौट गए. इसी बीच बच्ची की मौत हो गई और अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को सूचना तक नहीं दी.
जयस की नाराजगी और राजनीति
जय आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं को जब यह जानकारी लगी कि अस्पताल में आदिवासी बच्ची को चूहों ने कुतर दिया है, तो वे उसके परिजनों को गांव से खोजकर इंदौर लेकर आए. लेकिन रास्ते में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के समर्थकों ने उनकी गाड़ी रोक दी और परिजनों को अपने साथ ले जाने का प्रयास किया. अस्पताल पहुंचने पर जयस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन व एमवाय अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की. साथ ही मृतक बच्ची के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग उठाई.
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि यह अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही है. बच्ची के परिजन को न्याय मिलना चाहिए. वहीं कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी को जबरन नहीं रोका. उनका भी उद्देश्य सिर्फ यही है कि परिजनों को न्याय मिले.
ये भी पढे़ं- इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने से दो नवजातों की मौत, राहुल गांधी ने बताया ‘हत्या’, कहा- हम चुप नहीं रहेंगे
प्रशासन और प्रबंधन की सफाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम रोशन राय अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि मामला पूरा मामला हाई लेवल कमेटी से जांचा जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. वहीं एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया का कहना है कि बच्ची का पिता खुद चला गया था और उसने मोबाइल नंबर भी नहीं दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि परिजनों को तलाशने की जिम्मेदारी पुलिस की थी.
पहले भी हुई ऐसी घटना
जानकारी के मुताबिक, कुछ समय पहले देवास की एक बच्ची की अंगुलियां भी चूहों ने कुतर दी थीं. उसकी मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत शव परिजनों को सौंप दिया था. लेकिन इस बार बच्ची को लावारिस बताकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गई थी. इसी बीच परिजन पहुंच गए और अस्पताल का झूठ उजागर हो गया.