Chhattisgarh: विधानसभा में गूंजा बैगा आदिवासियों की मौत का मामला, पूर्व सीएम ने कहा- इनकी हत्या हुई

Chhattisgarh: विधानसभा के शुन्य काल में सीएम भूपेश बघेल की मांग के बाद कांग्रेस विधायक हर्षिता बघेल ने कहा कि बैगा परिवार के 3 लोगों की हत्या हुई है.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में  शुक्रवार को 3 बैगा आदिवासियों की मौत पर जमकर हंगामा हुआ. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये मामला सदन में उठाया और आदिवासियों की हत्या का आरोप लगाया है. इस मामले में स्थगन की सूचना दी और काम रोको प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराने की मांग की है. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ फिर सदन का कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ गई.

कांग्रेस का आरोप- बैगा आदिवासियों की हत्या पर बीजेपी का संरक्षण

कवर्धा में आग लगने से 3 आदिवासियों की मौत का मामला छत्तीसगढ़ में हाईप्रोफाईल बन गया है. विधानसभा के शुन्य काल में सीएम भूपेश बघेल की मांग के बाद कांग्रेस विधायक हर्षिता बघेल ने कहा कि बैगा परिवार के 3 लोगों की हत्या हुई है. इसमें पंडरिया विधायक (भावना बोहरा) का संरक्षण है. हर्षिता बघेल के आरोप के बाद सत्ता पक्ष के विधायक भी हुए विपक्ष पर आक्रामक हो गए. दोनों ओर से नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित किया गया.

बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार को घेरा

इससे पहले विधानसभा के प्रश्न काल में बीजेपी विधायकों ने अपनी सरकार को जमकर घेरा. पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथी दवाएं मिलाने का मामला सदन में उठाया. स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब दिया. लगभग 5 प्रतिशत ही जांच करने वाले विशेषज्ञ हैं. हमने बाहर रिपोर्ट जांच के लिए भेजी है. यहां जो जांच होती है उसमें सिर्फ मिलावट का बता पाते हैं. कार्रवाई की बात करे तो राजनांदगांव का एक मामला है.जो विवेचनाधीन है. 12 केस है जिसे अपने स्तर पर विवेचना कर रहे हैं. पूरी तरह से जब विश्वास हो जाता है मिलावट है तब आगे बढ़ते हैं. फिर धरमलाल कौशिक ने कहा, कलकत्ता के लैब में मिलावट की पुष्टि हो गई है. 2023 का एक मामला है. डाइक्लोफेनिक सोडियम पाया गया है. कोर्ट में पेश करने की हम तैयारी कर रहे हैं.

प्रश्न काल में दो दोस्त आपस में भिड़े

इसके बाद रमन सरकार में एक साथ मंत्री रहे दो दोस्त अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल के बीच भी बहस हुई. सवाल पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से था. अजय चंद्राकर ने पूछा विश्वविद्यालयों के शोधपीठ का क्या उद्देश्य था? तो मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- गठन के उद्देश्य पूरी तरह पूरी नहीं हुए. जबसे शोधपीठों का गठन हुआ,तबसे ही इनमें पद रिक्त है. फिर अजय चंद्राकर ने पूछा जब इन्होंने उद्देश्य पूरा नहीं किया तो 3 साल 146 करोड़ से ज्यादा की राशि अनुदान के तौर पर क्यों दी गई? मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- विश्वविद्यालयों को अनुदान मिला है, शोधपीठों को कोई अनुदान नहीं दिया गया है.

1 साल में 3 किताब जादू से लिख दिए गए !

अजय ने कहा, संत कबीर पर एक ही साल में 3 किताबें लिखी गई. 1 साल में 3 किताब जादू से लिख दिए गए ! बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- इसमें शासन का पैसा खर्च नहीं हुआ है. जिन विद्वान ने छपवाया है उन्होंने खर्च किया होगा. गुरु घासीदास शोधपीठ सहित कई शोधपीठ के अध्यक्ष नहीं बनाए गए. सिर्फ छत्तीसगढ़ी के नाम पर पिछली सरकार ने गुमराह किया. जिन 3 किताबों को लिखा गया है, वो मुझे भी लगता है जादू से लिखी गई है, इसके बारे में हम पता करेंगे.

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