PM मोदी की मां का AI वीडियो बनाकर कांग्रेस ने कर लिया सेल्फ गोल? जानिए कैसे
कांग्रेस के वीडियो पर सियासी महाभारत!
Bihar Congress AI Video: कल्पना कीजिए, रात के सन्नाटे में एक बेटा सो रहा है. अचानक सपने में उसकी मां आ जाती है, वो मां जो अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन ये कोई आम सपना नहीं, बल्कि एक ऐसा सियासी तंज है जो राजनीति के मैदान को हिला दे. बिहार कांग्रेस ने ठीक यही ‘सपनीली कहानी’ AI की मदद से रची है, जिसमें पीएम मोदी को उनकी दिवंगत मां हीराबेन से डांटते दिखाया गया. कैप्शन? “साहब के सपनों में आईं मां.” अब तक ये वीडियो बिहार की सियासत में आग लगा चुका है. बीजेपी कह रही है कि ये मां का अपमान है.
कहां से शुरू हुई कहानी?
ये कोई नई चाल नहीं. सब कुछ शुरू होता है अगस्त के आखिर से. 27 अगस्त को दरभंगा में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ चल रही थी. तेजस्वी यादव भी भीड़ में जोश भर रहे थे, लेकिन एक वीडियो वायरल हो गया. मंच से ही पीएम मोदी और उनकी मां के लिए ऐसी गालियां दी गईं, जो सुनकर कान सन रह जाएं. कांग्रेस ने इसे ‘व्यक्तिगत हरकत’ बताकर किनारा किया, लेकिन बीजेपी ने इसे ‘मां-बहन का अपमान’ बना दिया.
फिर आया 2 सितंबर का वो पल, जब पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिहार की जीविका दीदियों को संबोधित किया. आवाज में दर्द, आंखों में नमी, “मेरी मां का राजनीति से कभी लेना-देना नहीं था. वो अब इस दुनिया में नहीं हैं. फिर भी, कांग्रेस-RJD के मंच से उन्हें गाली दी गई. ये मेरी मां का नहीं, पूरे देश की करोड़ों मां-बहनों का अपमान है.” पीएम की बातें सुनते ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की आंखें भी भर आईं. बिहार में पांच घंटे का बंद हुआ और सियासत का पारा चढ़ता गया.
कांग्रेस का AI वाला ‘जादू’
एक बार फिर से बिहार कांग्रेस के ऑफिशियल X हैंडल से 36 सेकंड का AI वीडियो पोस्ट किया गया. इसमें एक पीएम मोदी जैसा शख्स सोने से पहले बोलता है, “आज वोट चोरी का काम हो गया.” फिर सपना आता है. सपने में हीराबेन जैसी बुजुर्ग महिला प्रकट होती है और बेटे को सुना देती है. “बेटा, पहले नोटबंदी की लाइनों में मुझे खड़ा किया. फिर पैर धोने की रील बनवाई. अब बिहार में मेरे नाम पर नौटंकी? अपमान के बैनर छपवा रहे हो. राजनीति के चक्कर में कितना नीचे गिरोगे?” लेकिन वीडियो के अंत में साफ लिखा था, “AI GENERATED”. यानी, ये सब कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कमाल है, जो आजकल मीम्स से लेकर राजनीति तक सब हिला रही है.
बीजेपी का तीखा पलटवार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय से चुटकी ली, “राहुल गांधी इतना नीचे गिर गए हैं. उनकी तो ‘नकली मां’ है, अपनी मां की इज्जत नहीं करते तो दूसरी की कैसे करेंगे? ये फ्रॉड का केस है, कानूनी सजा मिलनी चाहिए.” डिप्टी सीएम विजय सिन्हा बोले, “कांग्रेस बिहार के संस्कार भूल चुकी. ये अराजकता है, जनता सबक सिखाएगी.” शहजाद पूनावाला ने X पर तंज कसा, “गांधीवादी से गालीवादी – कांग्रेस ने नया रिकॉर्ड तोड़ा. राहुल की हताशा साफ दिख रही.” JDU के राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “हार नजदीक देख विपक्ष बौखला गया. पहले मंच से गाली, अब AI से अपमान. बिहार की जनता जवाब देगी.”
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चुनावी जंग में ‘मां’ बनेगी हथियार
बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में हैं. 2020 में NDA ने 125 सीटें जीतीं, महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं. ये वीडियो NDA को ‘महिला सम्मान’ का मुद्दा दे सकता है. खासकर जब बिहार की आधी आबादी महिलाएं हैं. इतिहास गवाह है कि 2017 गुजरात में ‘नीच’ वाली गाली ने मोदी को ‘पीड़ित नायक’ बना दिया. यहां भी वही फॉर्मूला काम कर सकता है. पीएम मोदी लगातार गालियों को गहना और आलोचनाओं को सीढ़ी बनाकर सियासत की ऊंचाइयों पर चढ़ते गए. बिहार में भी यही खेला हो सकता है.
‘चौकीदार चोर है’ को ‘मैं हूं चौकीदार’ से जवाब
ये पहली बार नहीं है. इतिहास में कांग्रेस ने कई बार पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए गालियों का इस्तेमाल किया है. याद है 2019 का लोकसभा चुनाव? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा गढ़ा, राफेल डील को लेकर हंगामा मचाया. लेकिन मोदी ने इसे मौके में बदला. उन्होंने ‘मैं हूं चौकीदार’ कैंपेन शुरू किया, जिसने सोशल मीडिया पर आग लगा दी. BJP ने 303 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल की और राहुल गांधी की अमेठी सीट भी हाथ से चली गई.
‘राक्षस राज’ का तंज और मोदी का जवाब
2017 में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को ‘राक्षस राज’ और PM मोदी को ‘रावण’ कहकर हमला बोला. लेकिन पीएम मोदी ने इस तंज को अपने काम की ताकत से धो डाला. GST और डिजिटल इंडिया जैसे बड़े कदमों को जनता के सामने लाए, जिसने लोगों का दिल जीत लिया. उसी साल यूपी और उत्तराखंड में BJP की धमाकेदार जीत ने दिग्विजय के बयान को हवा में उड़ा दिया.
‘गंगू तेली’ से जीता जनता का दिल
2017 में गुलाम नबी आजाद ने मोदी को ‘गंगू तेली’ कहकर तंज कसा, लेकिन मोदी ने इसे अपनी साधारण जड़ों से जोड़कर सियासी मास्टर स्ट्रोक खेला. उन्होंने जनता के बीच अपनी मेहनत और विनम्रता की कहानी बयां की, जिससे लोगों में सहानुभूति और समर्थन की लहर दौड़ गई. नतीजा? गुजरात और हिमाचल प्रदेश में BJP की शानदार जीत ने दिखाया कि जनता मोदी की मेहनत को सलाम करती है. आजाद का तंज उल्टा पड़ा और कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी.
‘नीच’ से ‘गुजराती अस्मिता’ तक
2017 में ही कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को ‘नीच’ कहा. क्या किया पीएम मोदी ने? इसे अपनी OBC पृष्ठभूमि से जोड़ा और गुजरात चुनाव में इसे ‘गरीब का अपमान’ बनाकर जनता के सामने पेश किया. उनके शब्द थे, “मैं नीच हूं, लेकिन मेरी नीचता देश सेवा में है.” नतीजा? BJP ने 99 सीटें जीतीं और कांग्रेस का तंज उल्टा पड़ गया.