बनारस में पनपा प्यार, प्लेन हाईजैकर का थामा हाथ…नेपाल की नई नवेली PM सुशीला कार्की की लव स्टोरी!
नेपाल की पीएम सुशीला कार्की की प्रेम कहानी
Sushila Karki Love Story: 1970 का दशक था, जब नेपाल में राजा महेंद्र के निरंकुश शासन के खिलाफ लोकतंत्र की हवा चल रही थी. इसी उथल-पुथल भरे दौर में नेपाल के एक साधारण किसान परिवार से आने वालीं सुशीला कार्की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में कानून की पढ़ाई कर रही थीं. कार्की किसान परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी. उनके भीतर न्याय करने का जुनून था.
वहीं, एक जोशीले युवा नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी बीएचयू के डिबेट क्लब में अपनी बातों से आग लगा रहे थे. वे नेपाली कांग्रेस के सदस्य थे और नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे थे. एक दिन डिबेट क्लब में दोनों की मुलाकात हुई. पहली ही मुलाकात में दोनों के बीच राजशाही और लोकतंत्र को लेकर जोरदार बहस हुई. यह बहस सिर्फ विचारों की टक्कर नहीं थी, बल्कि दो मजबूत व्यक्तित्वों की शुरुआत थी.
जब प्यार ने चुपके से दोनों के दिलों में जगह बना ली
धीरे-धीरे, ये बहसें दोस्ती में बदल गईं. शामें गंगा के किनारे चाय की चुस्कियां लेते हुए बीतने लगीं. दुर्गा अपनी जेल की कहानियां सुनाते, तो सुशीला अपनी कानून की किताबों से न्याय के सिद्धांत बतातीं. प्यार ने चुपके से दोनों के दिलों में जगह बना ली. 1970 के दशक के अंत में दोनों ने शादी कर ली. सुशीला को उस समय इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके पति का अतीत कितना क्रांतिकारी और ‘हाई-वोल्टेज’ वाला रहा है.
‘लव एंड एक्शन’ का सबसे बड़ा ट्विस्ट
कहानी का सबसे रोमांचक मोड़ तब आया जब सुशीला की शादी के कुछ साल बाद उनके सामने दुर्गा के अतीत का सबसे बड़ा राज खुला. साल 1973 में नेपाल में लोकतंत्र के संघर्ष के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी. इस काम का मास्टरमाइंड गिरिजा प्रसाद कोइराला थे, जो बाद में चार बार प्रधानमंत्री बने. उन्होंने दुर्गा प्रसाद सुबेदी और उनके दो साथियों, बसंत भट्टराई और नागेंद्र धुंगेल के साथ मिलकर एक बड़ा दांव खेलने की योजना बनाई.
10 जून 1973 को दुर्गा और उनके साथियों ने नेपाल के विराटनगर से काठमांडू जा रहे रॉयल नेपाल एयरलाइंस के एक 19-सीटर ट्विन ऑटर प्लेन को हाईजैक कर लिया. प्लेन में 19 यात्री सवार थे, जिनमें उस समय की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री माला सिन्हा भी थीं. हाईजैकर्स ने पायलट को धमकी देकर प्लेन का रुख भारत के बिहार के फॉर्बिसगंज की ओर मोड़ने को कहा.
उनका निशाना प्लेन में मौजूद 30 लाख भारतीय रुपये थे. यह रकम आज के हिसाब से करीब 22 करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी. प्लेन के फॉर्बिसगंज में उतरते ही हाईजैकर्स ने तीन बक्सों में भरे पैसे लूटे और प्लेन को उड़ा दिया. हालांकि, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी यात्री को कोई नुकसान न पहुंचे. यह घटना पूरी दुनिया में सनसनी बनकर फैली.
लूटा कैश लोकतंत्र की लड़ाई में लगा और बाद में गिरिजा प्रसाद कोइराला चार बार नेपाल के पीएम बने. हाईजैक के बाद दुर्गा और उनके साथी मुंबई भागे, लेकिन वे पकड़े गए और उन्हें दो साल की जेल हुई.
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प्यार की जीत
दुर्गा प्रसाद सुबेदी को 1975 में भारत में इमरजेंसी के दौरान रिहा कर दिया गया. उन्होंने अपना जीवन शांतिपूर्ण राजनीति और लेखन में लगाया. दूसरी तरफ, सुशीला ने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा. उन्होंने नेपाल की कानूनी दुनिया में एक के बाद एक बड़ी सफलताएं हासिल कीं और वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं. अपने कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए. अब सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बन गई हैं. सुशीला कार्की की कहानी यही बताती है कि प्यार गलियों में पनप सकता है, लेकिन कभी-कभी वो आसमान को भी छू लेता है…